चाची ने जाना मामी की चुदाई का राज़
चाची के पास बिस्तर में लेटने के लिए जैसे ही मैंने उनके ऊपर ओढ़ी हुई चादर उठाई तो देखा कि चाची बिस्तर में पूरी नंगी ही लेटी हुई थी.
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चाची के पास बिस्तर में लेटने के लिए जैसे ही मैंने उनके ऊपर ओढ़ी हुई चादर उठाई तो देखा कि चाची बिस्तर में पूरी नंगी ही लेटी हुई थी.
मामी की चुदाई का मजा लेकर मैं वापस अपने घर लौटा तो हालात कुछ ऐसे बने कि चाची हमारे घर आई और मुझे चाची की चुदाई का मजा भी मिला.
मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और लिंग को उनकी योनि में घुसा दिया। मामी ऊँचे स्वर में सिसकारियाँ लेने लगी और मेरे हर धक्के पर चूतड़ उठा कर मेरे लिंग को योनि की गहराई तक ले जाने लगी।
उत्तेजित मामी की उत्तेजना और बढ़ गई तब उन्होंने मेरे होंठों से अपने होंठ हटाये और मेरा सिर पकड़ कर नीचे किया और मेरे मुँह में अपनी चूचुक डाल कर चूसने को कहा।
मामी मेरे शेवर से अपनी लम्बी झांटें साफ़ करने लगी तो बाल उसमें फ़ंस गए और मामी को दर्द होने लगा और चीख कर मुझे बुलाया। मैं गया तो मामी पूरी नंगी खड़ी थी।
मेरा इलेक्ट्रिक शेवर देख मामी ने अपनी बाजू के रोयें साफ़ करने के लिये पूछा तो मैंने उनकी बाजू के बाल साफ़ कर दिए और बगलों के बाल साफ़ करवाने को कहा। कहानी का मज़ा लें।
शायद मेरे यौन जीवन में चाची, बुआ, मामी जैसे रिश्तों में चूत चुदाई ही लिखी है। पहले बुआ, फ़िर बड़ी चाची, छोटी चाची के बाद अब मामी भी मेरे अन्तर्वासना पूर्ति का साधन बनी।
चाची की नाइटी को उनके तन से अलग करते हुए उन्हें पूर्ण नग्न किया और उनके उरोजों को चूसने लगा। चाची ने आत्मविभोर हो कर बाएँ बाजू से मुझे अपने आलिंगन में जकड़ लिया
चाची की योनि बहुत ही गोरी और पाव-रोटी की तरह फूली हुई थी तथा किसी जवान नवयुवती की योनि जैसी दिख रही थी। थोड़ा सा खोलने पर मुझे चाची का मटर के दाने जितना मोटा, लाल रंग का भगांकुर दिखाई दिया।
चाची की बातें सुन कर मैंने हर्ष-उल्हास में उन्हें अपने बाहूपाश में जकड़ कर उनके मुख में चूम चूम कर गीला कर दिया। तभी मैंने
चाची मुझसे अलग होते हुए उठी और मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गई। फिर उन्होंने थोड़ा ऊँचा हो कर अपनी योनि के मुख को मेरे लिंग की सीध में किया और उस पर बैठ गई।
मैंने तुरंत अपने कपड़े उतारे तथा उनकी बार और पैंटी उतारने में उनकी मदद करी तथा दोनों के नग्न होते ही मैं उनके ऊपर लेट गया। फिर मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
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