मैंने तेल उसकी गांड के छेद पर टपका दिया और उंगली से तेल फैलाते हुए उंगली गांड के भीतर डालने लगा। मानसी थोड़ा चिहुंकी.. लेकिन उसे मज़ा आ रहा था इसलिए कुछ नहीं बोली।
उसने कहा- मेरे पास शाम तक का समय है और मैं ये सारे पल तुम्हारी बाँहों में गुज़ारना चाहती हूँ। मानसी मुझे प्यार करने के लिए मचल रही थी.. वो बुरी तरह तड़प रही थी।
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