दोस्ती का उपहार-3 10-01-2008 प्रेषक : विनय पाठक मैं आपको अपनी पिछली कहानी में बता चुका हूँ कि कैसे मैंने अपनी टीम की लड़की को गांव की चौपाल पर पूरी कहानी पढ़ें »
दोस्ती का उपहार-2 09-01-2008 दोपहर बाद जब सब खाना खाने के लिये जाने लगे तो मैंने उसे छेड़ने के लिये कहा- तुम्हें कुछ याद है नीतू? उसने कहा- क्या पूरी कहानी पढ़ें »
दोस्ती का उपहार-1 08-01-2008 दोस्तो, मेरा आप सभी को लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा नमस्कार। मैं पहले ही बता चुका हूँ कि मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। पूरी कहानी पढ़ें »
बहन की सहेली ने बिगाड़ा 25-03-2007 हाय दोस्तो, मेरा आप सभी को लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा नमस्कार। मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ तथा बहुत दिनों से आपसे अपने पूरी कहानी पढ़ें »