मौसम की करवट-7
मेरे ऑफ़िस की एक दोस्त अकेली थी फ़्लैट में तो उसने मुझे उसके साथ रहने को कहा था। 13 फ़रवरी की रात थी, हम दोनों शॉपिंग करके थोड़ी ड्रिंक करके आए थे और एक ही बेड पर सोना था।
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मेरे ऑफ़िस की एक दोस्त अकेली थी फ़्लैट में तो उसने मुझे उसके साथ रहने को कहा था। 13 फ़रवरी की रात थी, हम दोनों शॉपिंग करके थोड़ी ड्रिंक करके आए थे और एक ही बेड पर सोना था।
प्रिया के साथ उन प्यारे लम्हों के बाद मैं काफी अकेला हो गया था, वो विदेश चली गई थी। मुंबई के एक मल्टिनेशनल कंपनी में मेरा चयन हो गया, कुछ अच्छे दोस्त बने।
सुबह हुई, हमेशा की तरह रिया पहले उठी। फ़िर उसने प्रिया को और मुझे जगाया। हम पूरे नंगे सो रहे थे बस कम्बल ओढ़ रखा
विकास जैन सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार, मैं विकास, आज फिर आप सभी के सामने अपनी अधूरी कहानी पूरी करने आया हूँ। क्षमा चाहता
रास्ते भर मैं बस प्रिया के बारे में सोच रहा था कि अब ना जाने उस पर क्या बीतेगी… मैं अपने घर पहुँचा…नहा कर अपने
आप सबको एक बार फ़िर प्यार भरा प्रणाम! मेरी कहानी आप सभी ने पढ़ी और मुझे मेल किया, मैं इसको आप सभी का प्यार समझता
वो आकर मेरी गोद में बैठ गई और अपनी बाहों को एक हार की तरह मेरे गले में डाल दिया। मैंने भी उसको अपनी बाहों में लिया और हमारी प्रेम कहानी शुरू हो गई…
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