एक ही बाग़ के फूल-6
दरवाजे पर छाया की माँ थी, वो अंदर आ गयी और मेरे से लिपट कर चूमने चाटने लगी। मैं घबरा गया कि अंदर उसकी बेटी नंगी पड़ी है. तो मैंने क्या किया?
Hindi Sex Stories » Archives for राजवीर वीरू दादा
दरवाजे पर छाया की माँ थी, वो अंदर आ गयी और मेरे से लिपट कर चूमने चाटने लगी। मैं घबरा गया कि अंदर उसकी बेटी नंगी पड़ी है. तो मैंने क्या किया?
बात करते करते मैंने उसकी जांघों पे हाथ रख दिया और सहलाने लगा। चिकनी चिकनी जांघों पे हाथ फेरते हुए मैं कभी कभी अपना हाथ उसकी शॉर्ट्स में डाल देता।
“देख, यही लंड तेरी मम्मी के और तेरी बहन के चूत में जायेगा और दोनों सिसकारियां ले ले कर मेरे लंड से चुदेंगी।” ऐसी गन्दी गन्दी बातें करते करते मेरा लंड सख्त हो गया।
अपने पड़ोस की मां बेटी को मैं पटा चुका था बस चोदना बाक़ी था. एक दिन उनका लड़का मेरे घर आया तो मौक़ा कुछ ऐसा बना कि सेक्स की बात होने लगी. फिर मैंने क्या किया?
मैं आंटी को नंगी नहाती देखने लगा था खिड़की से. उन्होंने मुझे देख लिया तो क्या सलूक किया मेरे साथ? और उधर उनकी कमसिन बेटी पर मैं अपनी वासना दृष्टि गड़ाए था.
हमारे घर के सामने एक नए किरायेदार आये. उस परिवार की माँ और बेटी दोनों मस्त माल थी. लेकिन मेरी नजर उनकी कमसिन बेटी पर थी मैं उस पर ट्राई मारने लगा.
रिंकी मेरे लंड बैठने लगी तो फलक भाभी ने कहा ने कहा- अरे तुम दोनों ने तो कितनी बार किया है वीर के साथ, मैं प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझाने दो।
रिंकी और पिंकी शहर छोड़ के चली गई थी। अचानक रिंकी का फोन आया, उसने मुझे अपने नए घर का पता दिया और आने को कहा। मैं अगले दिन तैयार हो कर गया तो…
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएँ हम न तमन्ना है कि किसी को रुलाएँ हम जिसको जितना याद करते हैं उसे भी उतना याद
अब चोद भी डालो ना ! मुझे रुला कर दिल उसका भी रोया होगा, चेहरा आँसुओं से उसने भी धोया होगा, अगर न हासिल किया
अब चोद भी डालो ना ! कितने बरसों का सफ़र खाक हुआ, जब उसने पूछा, कहो कैसे आना हुआ? मैं तेज-तेज चोदने लगा और एक
अब चोद भी डालो ना ! ज़िन्दगी का पहला प्यार कौन भूलता है, ये पहली बार होता है जब कोई किसी को, खुद से बढ़
अब चोद भी डालो ना ! दिल के आँगन में चाँद का दीदार हो गया, हम उन्हें देखते ही रह गए, वो बादलों में खो
राज वीर यूँ तो गमों में भी हंस लेता हूँ मैं फिर आज क्यों बेवजह रोने लगा हूँ मैं बरसों से हथेलियाँ खाली रही मेरी,
प्रेषक : राजवीर उसका स्टॉप आ गया, वो अपने को ठीक करके जाने की तैयारी करने लगी, उस आदमी ने उसे अब तक नहीं छोड़ा
प्रेषक : राजवीर हेल्लो दोस्तो, कैसे हो आप लोग ! आशा करता हूँ कि आप भी तैयार होंगे अपना अपना पानी निकालने के लिए !
मैं शेविंग किट लाया और सबसे पहले उसकी चूत के आसपास के बाल साफ़ करने थे। मान नहीं रही थी पर फिर भी जोर देने पर सलवार उतार ही दी और फिर बाथरूम में जाकर बैठ गई।
मैंने उसे टाँगे खोलने को कहा, धीरे धीरे शरमाते हुए उसने टाँगे खोल ही दी।
वो कुछ न बोली, बस शरमा कर मुँह छुपा लिया। मैंने उसका हाथ हटाया और गालों पर एक चुम्मा दे दिया, वो पूरी शर्म से लाल हुई पड़ी थी।
फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसके होंठ चूसने लगा।
खुली आँखों का सपना-1 पहले भाग में मैंने अपने स्कूल टाइम की बात बताई थी कि कैसे मैंने आशा मिस को चोदा था. उसके बाद
एक बार फिर अपनी नई कहानी लेकर आया हूँ मैं राजवीर! यह घटना अभी हाल ही में घटी थी मेरा साथ. पर आपको फ्लैशबैक में
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