भाभी को मैंने अपनी गिरफ्त में ले लिया था और उन्हें चूमने की कोशिश करने लगा था. मैं जैसे ही अपना चेहरा उनके फेस के करीब ले गया, वो शांत हो गईं और मुझे देखने लगीं. धीरे से मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए.
इंजीनियरिंग के लिए मैं पुणे में एक फ़्लैट में रहने लगा. मेरे ही फ्लोर पर सामने ही एक भाभी अपने बेटे के साथ रहती थी. उनके पति किसी दूसरे शहर में जॉब करते थे तो वो अकली थी. इस कारण भाभी का सेक्स पूरा नहीं हो पाता था.
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