सावन जो आग लगाए-2 12-02-2006 प्रेम गुरु की कलम से…. “ओह … मीनू … सच कहता हूँ मैं इन तीन दिनों से तुम्हारे बारे में सोच सोच कर पागल सा पूरी कहानी पढ़ें »
सावन जो आग लगाए-1 11-02-2006 प्रेम गुरु की कलम से…. अभी तक अपना कौमार्य बचा कर रखा था। मैं तो चाहती थी कि अपना अनछुआ बदन अपने पति को ही पूरी कहानी पढ़ें »