कमसिन स्कूल गर्ल की व्याकुल चूत-4
मैंने अपनी कमसिन जवानी की प्यास बुझाने के लिए एक सम्भ्रान्त अंकल को चुन लिया और उनसे बात भी कर ली थी. वे भी मेरी कामवासना को समझ चुके थे और …
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मैंने अपनी कमसिन जवानी की प्यास बुझाने के लिए एक सम्भ्रान्त अंकल को चुन लिया और उनसे बात भी कर ली थी. वे भी मेरी कामवासना को समझ चुके थे और …
मेरी कामुकता पूरे उफान पर थी लेकिन किसी लड़के से बात करने की हिम्मत नहीं थी. मेरी सहेली ने मुझे एक सलाह दी और कहा कि वो खुद भी यही करती है. क्या थी वो सलाह?
मेरी कामवासना दिन पर दिन बढ़ रही थी. मैं रात में जाग कर अपनी चूत में उंगली करती, चूत का दाना सहलाती लेकिन इन सब से चूत की आग थोड़े ही शांत होती है!
यह सच्ची सेक्स कहानी है अन्तर्वासना की एक पाठिका की … जब वो 18 साल की थी, स्कूल में पढ़ती थी तो सहेलियों की बातें सुन सुन कर उसकी कुंवारी बुर में कुछ कुछ होता था.
वो शादी से पहले एक बार फिर चुदना चाहती थी; लेकिन शादी की भीड़ में जुगाड़ हो नहीं पाया; कम्मो ने अपनी चूत हेयर रिमूवर से चिकनी बना कर मुझे जरूर दिखाई और मेरा हाथ पकड़ कर वहां रखवाया.
छोरी चुदासी तो थी पर चुदना अपने हिसाब से चाहती थी. उजाले में अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी. मैंने भी तय कर लिया कि इसे रोशनी में पूरी नंगी करके अपने लंड पर झूला झुलाऊँगा.
वो सुलगने लगी, उसकी सांसें भारी होने लगीं और उसकी बांहें मुझे कसने लगीं. कड़क जवान छोरी थी सो जल्दी गर्म होनी ही थी. कम्मो मेरे सीने से लग गयी और अपना मुंह वहीं छुपा कर दो तीन बार चूम लिया.
वो इमोशनल हो रही थी, वर्जित फल खा लेने का वो पागलपन हम दोनों पर सवार हुआ था वो घोर निराशा में बदला जा रहा था. कम्मो तो मुझे समर्पित थी कि जो करना है, जहां ले चलना है ले चलो. कोई लड़की इससे ज्यादा आखिर कह भी क्या सकती है.
लड़की की क्लिट को छेड़ो और इसकी जवानी की प्यास ना भड़के … वो चुदने को न मचल जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. कम्मो ने भी अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया और आनन्द से आंखें मूंद लीं और और अपने पैर और चौड़े कर दिए.
अनजान शहर में किसी भी परिचित देसी गर्ल की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी, लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
यह कहानी है गाँव की एक जवान लड़की की… वो मुझे एक शादी के कार्यक्रम में मिली थी. मैं उसकी अनगढ़ अल्हड़ जवानी को चखना चाहता था.
हसीनाओं की ये भोली अदाएं ही तो चुदाई का आनन्द दोगुना कर देतीं हैं; इनका ये रोना धोना, नखरे कर कर के चुदना, एक प्रकार का कॉम्प्लीमेंट, उत्साहवर्धक ही है हम चोदने वालों के लिये.
बहू के मायके में मैं अपनी बहू को बंजारन के लिबास में देख कर उसकी चुदाई के लिए बेचैन हो रहा था, बहू भी मेरी लालसा को जानती थी और वो भी यही चाहती थी. हमारी प्यास कैसे बुझी?
मैं अपनी पूत्रवधू को लेकर उसके चचेरे भाई की शादी में गया. अब शादी में तो रंग बिरंगी तितलियाँ आई ही होती हैं, मैं चक्षु चोदन कर रहा था कि मेरी बहू बंजारन लिबास में मेरे पास आई.
कामवासना से भरपूर कहानी में आपने पढ़ा कि हम ससुर बहू अपने केबिन के बाहर की दुनिया से बेपरवाह अपनी ही दुनिया में खोये हुए सेक्स का मजा कर रहे थे.
अब हमारा सफर अंतिम दौर में था, बस यही रात थी हमारे पास! फिर न जाने कब ऐसा मौका मिले!
बहूरानी खनकती हुई हंसी हंसी- हा हा हा, अरे नहीं पापा जी. मैं तो बस ऐसे ही हंसी ठट्ठा कर रही थी. ये ससुरी ना दुखती… इसे तो लंड से जितना मारो पीटो… उतनी ही ज्यादा खुश होती है बेशरम! यह आपकी चहेती हो गई है, बिगड़ गई है, पूरी की पूरी ढीठ हो गई है, हद कर दी इसने तो बेशर्मी की!
वक़्त की नजाकत को समझते हुए मैंने अपना लंड बहूरानी की चूत की देहरी पर रख दिया और उसके दोनों दूध कसकर दबोचे और… इससे पहले कि मैं धक्का मारता, बहूरानी ने अपनी कमर पूरे दम से ऊपर उछाली और मेरा लंड लील लिया अपनी चूत में.
बहूरानी के साथ आने वाले छत्तीस घंटे बिताने के ख़याल से ही मुझे रोमांच होने लगा था. मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसके दोनों गालों को बारी बारी से चूमने लगा. बहू बार बार अपना चेहरा अपनी हथेलियों से छुपाने का जतन करती लेकिन मैं उसके दोनों स्तन अपने अधिकार में करके अपनी मनमानी करने लगा
पाठक पाठिकाओं के मन यह जिज्ञासा जरूर होगी कि हम ससुर बहू के मध्य यौन सम्बन्ध कैसे स्थापित हो गये? अत्यंत संक्षेप में मैं यहाँ पूरा वाकया दोहराता हूँ कि मेरी बहूरानी अदिति और मेरे बीच अनैतिक चुदाई के सम्बन्ध कैसे स्थापित हुए.
बहूरानी के होंठ मेरे होंठों से बस चंद इंच की दूरी पर थे, उसके होंठ प्राकृतिक रूप से ही गुलाबी हैं. मन कर रहा था कि अभी बहू के लबों को चूम लूं… लेकिन मैंने सब्र किया… मन में सोचा कि अभी कुछ देर मैं इन लबों को चूम लेने की लालसा को मन ले लिए तड़पता रहूँगा, इस तड़प में मुझे और ज्यादा आनन्द मिलेगा.
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