सोनीपत बस स्टैंड पर बस की प्रतीक्षा कर रहा था। काफी भीड़ थी। वहीं पर एक हसीन औरत मुझे बार बार देख कर मन्द मन्द मुस्कुरा रही थी। पहले तो मैंने अपनी नजर का धोखा समझा लेकिन मेरी ही तरफ़ मुस्कुरा रही थी।
सर्दी का मौसम था, मैं रजाई में घुस कर अपनी गर्लफ्रेंड से फ़ोन पर बात कर रहा था। वो बहुत सेक्सी थी। बात करते-करते चुदाई का विषय शुरु हो गया। मैंने कहा- आ जाओ ना जान मेरी बाँहों में।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।