मैं बहुत थक गयी थी और वीकेंड पर रिलेक्स होना चाह रही थी. मेरे पेरेंट्स की गैरमौजूदगी में मैं एक पब में गयी और मुझे मेरे तनाव को दूर करने का एक खूबसूरत साधन मिल गया.
कॉलेज में एक जूनियर मेरी टीम में था. एक बार हम दोनों कैंटीन में थे तो मैंने उसे मेरे लिए खाना लाने को कहा. उसने कहा ‘जो हुक्म मैडम’ तो मेरे मन में एक शैतानी खयाल आया.
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