मस्त जिंदगी का अहसास-1 29-10-2007 लेखक : राज शर्मा यह जिंदगी भी जाने क्या क्या रंग दिखाती है। इंसान कठपुतली की तरह नाचता है जिंदगी के इशारे पर। मैं तब पूरी कहानी पढ़ें »
मौसी हो तो ऐसी-2 27-10-2007 राज कार्तिक सब अपने कमरे में जा चुके थे, मैं भी अपने कमरे की तरफ चल पड़ा। मौसी भी मेरे कमरे की तरफ आ रही पूरी कहानी पढ़ें »
नजदीकियाँ-2 21-10-2007 लेखक : राजेश शर्मा अगली सुबह मुझे बहुत ग्लानि और शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी कि मैं अपनी बहन के साथ ही मस्ती कर रहा पूरी कहानी पढ़ें »
नजदीकियाँ-1 20-10-2007 लेखक : राजेश शर्मा दोस्तो, मेरा नाम राजेश शर्मा है। यह मेरी पहली कहानी है अगर आप हौंसला बढ़ायेंगे तो मैं फिर लिखूँगा। मस्ती करने पूरी कहानी पढ़ें »
दोस्त दोस्त ना रहा 14-10-2007 यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा पूरी कहानी पढ़ें »