पंखी पता नहीं बताते-2 12-06-2008 प्रेषक : शकील फ़िरोज़ मैंने धीरे धीरे करके टीशर्ट और हाफपैंट खोल दिए। वो साली काली ब्रेज़ियर और काली पैंटी पहने थी। गोरा बदन और पूरी कहानी पढ़ें »
पंखी पता नहीं बताते-1 11-06-2008 प्रेषक : शकील फ़िरोज़ दोस्तो, मेरा नाम शकील है। मैं एक बार ट्रेन में मुंबई का सफ़र कर रहा था, वैसे भीड़ तो न थी पूरी कहानी पढ़ें »