कमाल की हसीना हूँ मैं-25
स्वामी आज मुझ पर रहम करने के मूड में बिल्कुल नहीं था। उसने वापस अपने लंड को पूरा बाहर खींचा तो एक फक सी आवाज
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स्वामी आज मुझ पर रहम करने के मूड में बिल्कुल नहीं था। उसने वापस अपने लंड को पूरा बाहर खींचा तो एक फक सी आवाज
मैं उसके लंड की टिप को अपनी चूत की दोनों फाँकों के बीच महसूस कर रही थी। मैंने एक बार नजरें तिरछी करके जावेद को
मैं उत्तेजना में अपनी दोनों जाँघों को एक दूसरे से रगड़ रही थी और अपने दोनों हाथों से उन दोनों के तने हुए लौड़ों को
मुझे वहाँ मौजूद हर मर्द पर गुस्सा आ रहा था लेकिन मेरा जिस्म, मेरे दिमाग में चल रही उथल पुथल से बिल्कुल बेखबर अपनी भूख
मैं हाई-हील सैंडलों में धीरे-धीरे कदम बढ़ाती हुई उनके पास पहुँची। मैं अपनी झुकी हुई नजरों से देख रही थी कि मेरे आजाद मम्मे मेरे
“कल आप उनको कह दो कि लड़कियों का इंतज़ाम हो जायेगा।” मैंने कहा, “देखते हैं उनके यहाँ पहुँचने से पहले क्या किया जा सकता है।”
मैंने शर्म के मारे अपनी आँखें बंद कर लीं। मेरा चेहरा शर्म से लाल हो रहा था। लेकिन मैं इस हालत में अपने पेशाब को
उन्होंने मुझे बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। फिर वो मेरी बगल में लेट गये और मेरे चेहरे को कुछ देर तक निहारते रहे।
अचानक उन्होंने अपनी मुठ्ठी में बंद एक खूबसूरत लॉकेट मेरे गले में पहना दिया। “ये?” मैं उसे देख कर चौंक गई। “यह तुम्हारे लिये है।
“शहनाज़ ! बहुत टाईट है तुम्हारी…” कहते हुए फिरोज़ भाईजान के होंठ मेरे होंठों पर आ लगे। “आपको पसंद आई?” मैंने पूछा तो उन्होंने बस
मैंने उन्हें सताने के लिये उनके लंड के टोपे पर हल्के से अपने दाँत गड़ा दिये। वो ‘आआआह’ कर उठे और मुझसे बदला लेने के
मेरे जेठ फ़िरोज़ मेरे इस तरह उन्हें बुलाने से बहुत खुश हुए और मेरी बगल में लेट गये। हम दोनों की ओर देख कर जावेद
दोनों भाइयों ने लगता है दूध की बोतलों का मुआयना करके ही निकाह के लिये पसंद किया था। नसरीन भाभी के निप्पल काफी लंबे और
मैं सैक्स की भूखी किसी चुदक्कड़ वेश्या की तरह छटपटा रही थी उनके लंड के लिये। “एक मिनट ठहरो।” कहकर उन्होंने मेरा गाउन उठाया और
मैं काफी उत्तेजित हो गई थी। जावेद इतना फोर-प्ले कभी नहीं करता था। उसको तो बस टाँगें चौड़ी करके अंदर डाल कर धक्के लगाने में
मैं उनका हाथ थाम कर बिस्तर से उतरी। जैसे ही उनका सहारा छोड़ कर बाथरूम तक जाने के लिये दो कदम आगे बढ़ी तो अचानक
शुरू-शुरू में तो मुझे बहुत शर्म आती थी। लेकिन धीरे-धीरे मैं इस माहौल में ढल गई। कुछ तो मैं पहले से ही चंचल थी और
मेरे जिस्म पर कपड़ों का होना और ना होना बराबर था। सलमान ने एक तस्वीर इस मुद्रा में खींची। तभी बाहर से आवाज आई… ‘क्या
जावेद की नींद खुल गई। वो पेशाब करने उठा था। हम दोनों की हालत तो ऐसी हो गई मानो सामने शेर दिख गया हो। सलमान
दोनों जोड़े वहीं अलग-अलग कंबल और रज़ाई में घुस कर बिना कपड़ों के ही अपने-अपने पार्टनर से लिपट कर सो गये। मैं और समीना आपा
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