लंड चूसने की विधि-2
लड़कियों को चाहिए की वे लंड से प्यार करना सीख लें और लड़कों को चाहिए कि अपने लिंग को साफ़ रखें और लड़की की इच्छाओं का सम्मान करें।
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लड़कियों को चाहिए की वे लंड से प्यार करना सीख लें और लड़कों को चाहिए कि अपने लिंग को साफ़ रखें और लड़की की इच्छाओं का सम्मान करें।
धरती पर शायद ही कोई पुरुष होगा जिसे लंड चुसवाना अच्छा नहीं लगता। ज़्यादातर लोग इसकी कामना ही करके रह जाते हैं क्योंकि उनकी पत्नी या प्रेमिका गन्दा समझती हैं
मास्टरजी और प्रगति गुसलखाने में गए और मास्टरजी ने उसको नहलाना शुरू किया। बालों को गीला करके शैंपू किया और फिर उसके बदन पर साबुन
मास्टरजी ने धीरे धीरे उसके मुँह को चोदना शुरू किया। अब प्रगति का मुँह उसकी योनि का स्थान ले चुका था और योनि के सामान गीला और चिकना भी लग रहा था।
चूंकि प्रगति की चूत पूरी तरह गीली थी और वह मानसिक व शारीरिक रूप से पूर्णतया उत्तेजित थी, मास्टरजी का औसत माप का लिंग उसकी तंग योनि में थोड़ा घुस गया।
मास्टरजी क्योंकि पीठ की मालिश में मग्न थे, प्रगति की योनि गीली होने का दृश्य नहीं देख पाए। उनकी नज़र पीठ की तरफ और ध्यान
समाज के बुरे लोगों की नज़र गरीब घरों की कमसिन लड़कियों पर होती है। वे सोचते हैं कि गरीब लड़की की कोई आकांक्षा ही नहीं होती और वे उसके साथ मनमर्ज़ी कर सकते हैं।
अगर आप सचमुच में गाण्ड मारना चाहते हो और आप चाहते हो कि लड़की को भी उतना ही मज़ा आए जितना आपको आता है और वो बार बार आपसे गाण्ड मरवाने की चाहत रखे तो आपको मैं सही विधि बताता हूँ। ध्यान से पढ़िए आपकी मनोकामना पूरी होगी…
प्रेषिका : शोभा मुरली उसने बलराम के सुपारे पर थोड़ी और जेली लगाई और एक-दो-तीन कह कर फिर से कोशिश की। इस बार बलराम करीब
प्रेषिका : शोभा मुरली शेखर अब अगले शुक्रवार की तैयारी में जुट गया। वह चाहता था कि अगली बार जब वह प्रगति के साथ हो
ऑफिस का एक कमरा बतौर गेस्ट-रूम इस्तेमाल होता था जिसमें बाहर से आने वाले कंपनी अधिकारी रहा करते थे। उधर रहने की सब सुविधाएँ उपलब्ध थीं। प्रगति, शेखर का हाथ पकड़ कर, उसे गेस्ट-रूम की तरफ ले जाने लगी। कमरे में पहुँचते ही उसने अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया और शेखर के साथ लिपट गई।
प्रगति एक आम भारतीय नारी जो पुरुष प्रधान समाज की क्रूरता की शिकार है, वो एक कम्पनी ने निजी सचिव है… एक दिन प्रगति के बॉस ने उसके चेहरे की उदासी को भांप कर कारण पूछा तो प्रगति रो पड़ी और उसके बॉस शेखर, जो एक शरीफ आदमी है, ने उसे सांत्वना देने के लिए अपने गले से लगा लिया…
मैं शेखर का लिंग हूँ। मुझे अनेकों उपनामों से जाना जाता है क्योंकि लोग मेरा नाम लेने से शर्माते हैं। शेखर 36 साल का है
देश में यौन, खास तौर से हस्तमैथुन के प्रति बहुत सी भ्रांतियाँ हैं जो कि या तो अनपढ़ लोगों ने या फिर निहित-स्वार्थ से प्रभावित लोगों ने समाज में फैलाई हुई हैं।
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