हम दोनों ही आँगन में बारिश में भीग रहे थे.. पर हमें कुछ फ़र्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि हमारे अन्दर की गर्मी को भी तो शांत करना था। वो मेरी तरफ़ मुड़ी और मेरे होंठों पर चूमने लगी।
मैं और आईशा साथ लेटे हुए थे और बारिश हो रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर डाल दिया और उसके गले के पीछे धीरे-धीरे चूमने लगा। आगे की घटना कहानी में पढ़िए।
मामा के घर एक कार्यक्रम में एक लड़की मिली, उस पर दिल आ गया। वो भी मेरे दिल का हाल समझ गई थी और वो बहुत खुश लग रही थी। कहानी पढ़ कर देखें कि बात कैसे आगे बढ़ी!
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