शरद सक्सेना

लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-4

मैं नादान अपने यार से चुदती रही तो मेरे गर्भ ठहर गया। डॉक्टर की सलाह से गर्भ गिराया और कन्डोम से चुदने लगी। एक दिन मेरे यार ने अदला बदली करने को कहा।

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लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-3

एक बार चुदने के बाद जो आग लग चुकी थी उसे मैं चाह करके भी काबू में नहीं कर पा रही थी। एक दिन उसने मुझसे कहा कि उसका मन फिर मुझमें समाने के लिये कर रहा है तो मैंने मौन स्वीकृति दे दी।

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लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-2

मैं और मेरा क्लासमेट वेब कैम पर सेक्स चैट कर रहे थे। जब सामने वाले जोड़े को पता चला कि मैं अभी तक बिन चुदी हूँ तो उन्होंने कैम पर हमें दिखाने के लिए चुदाई की

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लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-1

मैं कुँवारी कॉलेज गर्ल थी, अपने पहले सेक्स की बात लिख रही हूँ कि कैसे अचानक मैं क्लासमेट के घर गई तो वो वेब कैम पर सेक्स चैट कर रहा था। वहां क्या हुआ, पढ़िए!

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मालिक की बिटिया की सील तोड़ चुदाई -2

मोहिनी की मम्मी ने उनकी अनुपस्थिति में मुझे उनके घर में रुकने को कहा। मैम और साहब को एयरपोर्ट छोड़ कर मैं उनके घर आया। मोहिनी ने मुझे मेरा कमरा दिखाया।

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मालिक की बिटिया की सील तोड़ चुदाई -1

हाथ तंग होने के कारण मैंने पार्ट टाईम जॉब ली। शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक घर पर काम करना था। घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी मोहिनी थी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-14

रचना ने भाभी की गांड के अन्दर क्रीम लगा दी और मेरे लंड में भी क्रीम लगा दी। भाभी की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी, वो अपनी उँगली को अपने चूत के अन्दर बाहर कर रही थी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-13

रचना की भाभी काफी गोरी चिट्टी थी, लाल साड़ी में लो कट ब्लाउज में बड़ी ही सुन्दर लग रही थी। ॠचा भाभी की आँखें बड़ी-बड़ी, नाक तोते की चोंच जैसे नुकीली थी उसकी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-12

इन दिनों में उसके चूत इतनी बार चुद चुकी थी कि जोर से धक्का देने का कोई फ़ायदा नहीं रहा, आसानी से चूत ने गपक लिया और अब चूत और लंड की थाप सुनाई दे रही थी और दोनों के मुँह से आह-ओह आह-ओह की आवाज आ रही थी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-11

धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-10

मेरी नींद सुबह नौ बजे खुली, मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा, रचना सो रही थी, उसका दूध जैसा जिस्म सूरज की छन कर आती हुई रोशनी में और भी चमकदार लग रहा था। अनायास ही मेरे हाथ उसके चूतड़ को सहलाने लगे।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-9

वो मुझे गाली देने लगी थी अपनी चूत को मेरे मुंह से रगड़ने लगी, उसकी चूत की प्यास कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी, वो चिल्ला रही थी- ले भोसड़ी के, मेरी चूत चाट ! ले मादरचोद… चाट भोसड़ी के चाट…

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-7

मैंने पलंग से गद्दे उठाकर जमीन पर बिछाया और रचना को सहारा देकर उस गद्दे पर पट लेटा दिया। शराब के नशे में ही रचना बोली- जानू जिस तरह से तुमने प्यार से मेरी चूत चोदी थी, उसी प्यार से मेरी गांड का भी ध्यान रखना।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई -6

वो पलंग पर पट लेट गई और अपने दोनो हाथों से गांड को फैला दी और बोली- राजा, मैं तेरी कुतिया और तुम मेरे कुत्ते हो। आओ मेरे कुत्ते अपनी कुतिया की गांड चाटो और फिर ये कुतिया तुम्हें और मजा देगी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-5

रचना ने मुझे ऐसे जकड़ा था कि मेरा हाथ उसके चूतड़ों पर ही था। उसके इस तरह मेरे जिस्म को सहलाने से मेरे रोम-रोम में मस्ती छा गई। मेरा हाथ उसकी गांड को सहला रहा था।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-4

उसकी चूत चूमने मात्र से ही उसने अपनी टांगों को फैला दिया, अब उसकी चूत बिल्कुल स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी, दोनों फांकों को खोलते हुए उसकी गुलाबी चूत के अन्दर मैंने अपनी जीभ डाल दी।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-3

रचना ने मुझे लौड़ा पकड़ कर मुतवाया और फ़िर अपनी चूत के होंठ मुझसे खुलवा कर मूता। इसके बाद मैंने उसको लिटा कर इतने प्यार से उसकी चूत की सील तोड़ी कि उसे दर्द नहीं हुआ।

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प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-2

उसे देख कर तो मेरी आँखें फटी की फटी ही रह गई, वो बिल्कुल नंगी थी। चूचे तो उसके खरबूजे के आकार के, चूतड़ तरबूज के आकार के, पेट बाहर निकला हुआ, चूत अन्दर की तरफ बालों के जंगलों के बीच घुसी हुई थी।

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