लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-9
मेरी ननद सेक्स में जैसे अपने पति से बर्ताव कर रही थी, लगा कि नमिता के लिये सेक्स केवल एक मजबूरी वाला काम है और उसे निबटाना है। मैंने उसे सेक्स सिखाने की सोची।
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मेरी ननद सेक्स में जैसे अपने पति से बर्ताव कर रही थी, लगा कि नमिता के लिये सेक्स केवल एक मजबूरी वाला काम है और उसे निबटाना है। मैंने उसे सेक्स सिखाने की सोची।
जीजा से बदला लेने के लिये मैंने उसे पटाने की सोची और मौका मिलते ही उसे अपने सेक्सी बदन के दर्शन कराने लगी। मेरे उद्देश्य उसे अपनी चूत देकर भी अपना पेशाब पिलाना था।
सुहागरात से अगले दिन भी मेरे ननदोई ने शरारत करने में कमी नहीं रखी। मैं कुढ़ रही थी लेकिन ननदोई जी का डील डौल देख खुद ही चाहती थी कि मैं उसके नीचे लेट जाऊँ!
चूत चुदाई में अदला बदली के कुछ माह बाद हमारी शादी हो गई। शादी में मेरे पति का जीजा मुझे काफ़ी छेड़ रहा था। उसने हमें सुहागरात के लिये कमरे में बन्द कर दिया।
जब मैं हाई हील सेन्डिल पहन कर चलती हूँ तो मेरी गांड यानि चूतड़ पेन्डुलम की तरह उपर नीचे होते हैं और देखने वाले को बहुत मजा आता है।
मैं नादान अपने यार से चुदती रही तो मेरे गर्भ ठहर गया। डॉक्टर की सलाह से गर्भ गिराया और कन्डोम से चुदने लगी। एक दिन मेरे यार ने अदला बदली करने को कहा।
एक बार चुदने के बाद जो आग लग चुकी थी उसे मैं चाह करके भी काबू में नहीं कर पा रही थी। एक दिन उसने मुझसे कहा कि उसका मन फिर मुझमें समाने के लिये कर रहा है तो मैंने मौन स्वीकृति दे दी।
मैं और मेरा क्लासमेट वेब कैम पर सेक्स चैट कर रहे थे। जब सामने वाले जोड़े को पता चला कि मैं अभी तक बिन चुदी हूँ तो उन्होंने कैम पर हमें दिखाने के लिए चुदाई की
मैं कुँवारी कॉलेज गर्ल थी, अपने पहले सेक्स की बात लिख रही हूँ कि कैसे अचानक मैं क्लासमेट के घर गई तो वो वेब कैम पर सेक्स चैट कर रहा था। वहां क्या हुआ, पढ़िए!
मोहिनी के जिस्म में भी हरकत होना शुरू हो गई थी। अब वो भी अपनी गांड उठा रही थी और मेरे लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी।
मोहिनी की मम्मी ने उनकी अनुपस्थिति में मुझे उनके घर में रुकने को कहा। मैम और साहब को एयरपोर्ट छोड़ कर मैं उनके घर आया। मोहिनी ने मुझे मेरा कमरा दिखाया।
हाथ तंग होने के कारण मैंने पार्ट टाईम जॉब ली। शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक घर पर काम करना था। घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी मोहिनी थी।
रचना ने भाभी की गांड के अन्दर क्रीम लगा दी और मेरे लंड में भी क्रीम लगा दी। भाभी की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी, वो अपनी उँगली को अपने चूत के अन्दर बाहर कर रही थी।
रचना की भाभी काफी गोरी चिट्टी थी, लाल साड़ी में लो कट ब्लाउज में बड़ी ही सुन्दर लग रही थी। ॠचा भाभी की आँखें बड़ी-बड़ी, नाक तोते की चोंच जैसे नुकीली थी उसकी।
इन दिनों में उसके चूत इतनी बार चुद चुकी थी कि जोर से धक्का देने का कोई फ़ायदा नहीं रहा, आसानी से चूत ने गपक लिया और अब चूत और लंड की थाप सुनाई दे रही थी और दोनों के मुँह से आह-ओह आह-ओह की आवाज आ रही थी।
धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।
मेरी नींद सुबह नौ बजे खुली, मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा, रचना सो रही थी, उसका दूध जैसा जिस्म सूरज की छन कर आती हुई रोशनी में और भी चमकदार लग रहा था। अनायास ही मेरे हाथ उसके चूतड़ को सहलाने लगे।
वो मुझे गाली देने लगी थी अपनी चूत को मेरे मुंह से रगड़ने लगी, उसकी चूत की प्यास कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी, वो चिल्ला रही थी- ले भोसड़ी के, मेरी चूत चाट ! ले मादरचोद… चाट भोसड़ी के चाट…
हम दोनों वहीं सो गये। सुबह लगभग आठ के आस-पास नींद खुली, देखा तो रचना अभी भी सो रही थी। मैंने उसे जगाया तो वो
मैंने पलंग से गद्दे उठाकर जमीन पर बिछाया और रचना को सहारा देकर उस गद्दे पर पट लेटा दिया। शराब के नशे में ही रचना बोली- जानू जिस तरह से तुमने प्यार से मेरी चूत चोदी थी, उसी प्यार से मेरी गांड का भी ध्यान रखना।
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