मौसी जी मालिश करने लगी पर मेरे दिमाग़ में अभी भी रात वाली बात थी, मैंने धीरे से मौसी जी की सलवार में अपना हाथ नीचे से डाल लिया और सलवार थोड़ी सी ऊपर कर दी।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।