पलक की चाची-6
प्रेषक : सन्दीप शर्मा जब मैं आंटी के होंठों से अलग हटा तो मैंने देखा की उनके चहेरे पर एक अलग ही सुकून था। उनके
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प्रेषक : सन्दीप शर्मा जब मैं आंटी के होंठों से अलग हटा तो मैंने देखा की उनके चहेरे पर एक अलग ही सुकून था। उनके
प्रेषक : सन्दीप शर्मा वो आकर मेरे बगल में बैठ गई और जब उसने मेरे हाथ देखे तो चीखते हुए आंटी से बोली- यह क्या
प्रेषक : सन्दीप शर्मा आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, कभी मेरे बाल सहलाती और कभी मेरी पीठ। मैंने ऐसे ही कुछ 30-40
प्रेषक : सन्दीप शर्मा फिर उसके बाद आंटी बोली- अब जो तेरे साथ होने वाला है वो तू जिंदगी भर याद रखेगा। मैंने कहा- देखते
मुझे कुछ समझ नहीं आया पर मैंने आंटी से कहा- अच्छा ठीक है पर मुझे खोलिए तो ! तो आंटी बोली “अगर खोलना ही होता
आप सभी को नमस्कार आप सभी ने मेरी पहले भेजी हुई कहानियाँ पढ़ी और उन्हें पसंद किया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। जैसा कि शीर्षक
और यह बोलते हुए वो अपने दोनों पैर मेरे पैरों के दोनों किनारे रख कर मुझ पर बैठ गई और मेरे होठों को चूमना शुरू
जैसा कि आपने पलक और अंकित के बाद में पढ़ा कि सरिता और पलक की फोन पर बात हुई। मैं कुछ कहता उसके पहले ही
लेखक : सन्दीप शर्मा दोस्तो, उम्मीद है आप सभी मजे में होंगे मेरी पिछली कहानी पलक की चाहत और मुंबई के सफर का मुझे शानदार
अंकित ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गया। उसने मेरी टीशर्ट उतारने की कोशिश की, मैंने उसका पूरा साथ दिया और हाथ ऊँचे करके उठ कर टी शर्ट उतरवा ली।
इस बार उसके मुँह से दर्द से एक चीख निकल ही गई थी, मैंने उसकी टांगो को छोड़ कर दोनों हाथों को उसके दोनों स्तनों
हम दोनों घाट से उठे, मैंने अपनी चप्पल हाथों में ही ले ली और और खाना खाने के लिए चल दिए और खाना खाकर कमरे
वो कहते कहते रुक गई … “मैंने पूछा और क्या …?” तो बोली- और तुझे यह भी बताना है कि मैं यह सब अंकित के
मैंने कहा,”अब मत रोक ! नहीं तो तेरा देह शोषण हो जायेगा मुझ से।” वो बोली,” ऐसा कुछ नहीं होगा लेकिन मैं चाहती हूँ मेरी
पर पलक ने ड्राईवर के लिए सीधे मना कर दिया और बोली,” मैं सरिता को साथ में लेकर चली जाऊँगी गाड़ी चलाने के लिए पर
लेखक : सन्दीप शर्मा मैं कुछ कहता या समझता वो उसके पहले ही कैफे से बाहर थी, मैं मेरे गाल को सहला रहा था और
लेखक : सन्दीप शर्मा यह कहानी मेरी और मेरी एक दोस्त की है जो आज से कुछ साल पहले घटी थी उसका नाम बदल कर
मैंने उससे पूछा- मैं कितनी देर तक सोता रहा? तो वो बोली करीब एक घण्टा ! मैं कुछ कहता उसके पहले ही उसने इशारे से
लेखक : सन्दीप शर्मा उस वक्त वो क्या गजब की लग रही थी ! मैं शब्दों में नहीं बता सकता पर उस वक्त मैंने उसे
लेखक : सन्दीप शर्मा हम दोनों ने पाव भाजी खाई और उसके बाद साक्षी मुझ से बोली अब तुम्हे एक काम करना होगा मेरी मर्जी
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