वासना की न खत्म होती आग -3
मैं घबरा सी गई और पता नहीं मेरे मुँह से ऐसा क्यों निकल गया कि जल्दी कर लो.. मुझे शाम तक जाना है। इतना सुनने की देर थी कि उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
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मैं घबरा सी गई और पता नहीं मेरे मुँह से ऐसा क्यों निकल गया कि जल्दी कर लो.. मुझे शाम तक जाना है। इतना सुनने की देर थी कि उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
मेरा वो दोस्त मुझसे मिलने और सम्भोग के लिए इतना उत्सुक हो चुका था कि वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। मुझे वो रोज परेशान करने लगा तब मैंने यह बात तारा को बताई।
काफी दिन नीरस बिताने के बाद मेरी सहेली के बताने पर एक रिटायर्ड फौजी से ऑनलाइन दोस्ती हुई तो उसके साथ खुल कर बातें होने लगी और एक दिन उसने मुझे कैम पर खुद को दिखाया.
Lambi Choot Chudai-5 मैंने कहा- मजा तो बहुत आया.. पर मेरे जिस्म की हालत ऐसी है कि मैं ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती।
Lambi Choot Chudai-4 हम दोनों ऐसे एक-दूसरे को चूमने-चूसने लगे जैसे कि एक-दूसरे में कोई खजाना ढूँढ रहे हों। काफी देर एक-दूसरे को चूमने-चूसने और
Lambi Choot Chudai-3 मैंने उसके लिंग को हाथों में भर कर जोर से मसलना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में वो दुबारा सख्त होने
Lambi Choot Chudai-2 उस लड़की ने मुझे तरह-तरह की ब्रा और पैंटी सेट्स दिखाने शुरू कर दिए जिनमें से 3 सेट्स अमर ने मेरे लिए
Lambi Chudai-1 नमस्कार मैं सारिका एक नया अनुभव आप सबको बताने को फिर से हाज़िर हूँ। वासना एक ऐसी आग है जिसमें इंसान जल कर
Mai Chud Gai Rishte Naate Bhul Kar-7 वो भी जब तैयार हो गए तो मैंने उनको कहा- बाकी रिश्तेदारों को खबर कर दीजिए कि उनकी
सुबह करीब 6 बज रहे थे कि मुझे कुछ मेरी कमर पर महसूस होने लगा। मैंने गौर किया तो वो मेरे बदन को सहला रहे
Mai Rishte naate Bhool kar Chud Gai-5 सारिका कँवल लिंग अन्दर घुसते ही मुझे बड़ा आनन्द महसूस हुआ, उनके लिंग का चमड़ा पीछे की ओर
सारिका कँवल वो मेरे ऊपर से हट गए और बगल में लेट गए। मैंने भी दूसरी और मुँह घुमा कर अपनी आँखें बंद कर लीं।
सारिका कँवल मैंने और तड़प कर छटपटाने की कोशिश की, पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मेरा हिलना भी न के बराबर था। इसके
सारिका कँवल मैं लगभग नींद में थी कि मुझे कुछ एहसास हुआ मेरी टांगों में और मेरी नींद खुल गई। मैं कुछ देर यूँ ही
सारिका कँवल नमस्कार, मैं सारिका कँवल आप सभी पाठकों का धन्यवाद करना चाहती हूँ कि आप सबने मेरी कहानियों को इतना सराहा। मैं चाहती हूँ
कहानी का पहला भाग : मेरी दूसरी सुहागरात-1 हमने एक-दूसरे को चूमना शुरू कर दिया फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने दूध का गिलास लिया और
अन्तर्वासना डॉट कॉम पर मेरे सखा-सखियों को सारिका कँवल का नमस्कार! मैं अपनी नई कहानी लेकर आप सभी पाठकों के लिए फिर से हाज़िर हूँ।
उसने कहा- कुछ देर रुको न.. तुम्हारी बुर का गर्म अहसास बहुत अच्छा लगा रहा है, तुम्हारी बुर बहुत गर्म और कोमल है। मैंने उसे
सारिका कंवल कृपा अब सो चुका था, पर हेमा अभी भी जग रही थी। उसने मेरी तरफ देखा मैंने तुरंत अपनी आँखें बंद कर लीं।
मेरा सवाल सुन कर उसकी आँखों में आंसू आ गए और कहने लगी- जब वो ऐसे कहता है.. तब मुझे लगता है उसे अपने सीने
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