कली से फूल-1
लेखक : रोनी सलूजा तमाम पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार ! मेरी कहानी ‘नया मेहमान’ को पढ़ कर कई पुरुष व महिला पाठकों के
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लेखक : रोनी सलूजा तमाम पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार ! मेरी कहानी ‘नया मेहमान’ को पढ़ कर कई पुरुष व महिला पाठकों के
प्रेषक : रोनी सलूजा इतना बड़ा और खड़ा लंड देख मैं घबरा गई, लगभग छः इंच का होगा और फिर वह अपनी जीभ से मेरी
सभी पाठक पाठिकाओं को मेरा प्यार भरा नमस्कार ! आपके इमेल प्राप्त हुए, सभी ने मेरी कहानियों को सराहा, इसके लिए शुक्रिया। इस बार जो
मैं रोनी सलूजा आपसे फिर मुखातिब हूँ। मेरी कहानी बाथरूम का दर्पण को सभी ने बहुत सराहा है। कुछ लोगों ने मुझसे सागर की हेमा
मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधे पर रख दिए और अपनी ओर खींचा तो वह अमरबेल की तरह मुझसे लिपट गई, उसके दोनों हाथ मेरी पीठ पर लिपट गए.
मैं उसकी पीठ सहलाने लगा, फिर उसकी फ़्रॉक को निकाल दिया। अब उसके भरे हुए स्तन, जो गुलाबी ब्रा में समां नहीं रहे थे, को मसलना शुरु कर दिया।
मैं उसे बाँहों में उठाकर बेडरूम में ले गया उसके सारे कपड़े उतारकर उसके ऊपर छा गया। वो सिसकारने लगी, उसने मेरी पैंट उतार दी, चड्डी हटा कर लंड थामकर चूमने लगी।
वह मेरी जीभ को सिसकारते हुये चूस रही थी। मैंने मौका देखकर लंड को सही स्थान पर लेकर थोड़ा दबाव डाला तो सुपारे का आगे का भाग चूत के मुँह पर फिट हो गया।
आपने ब्रा-पेंटी उतारकर रख दिए और दर्पण में अपने नंगे जिस्म को हर दिशा से देखा। तुम उत्तेजित हो गई थी, एक हाथ तुम्हारी दोनों टांगों के बीच कुछ सहला रहा था, दूसरा सीने को सहला रहा था?
मैडम, मैं चाहता हूँ कि यहाँ पर आदमकद दर्पण लगना चाहिए क्यूंकि नहाते वक्त अपने आप को दर्पण में देखना बड़ा ही सुखद और आनंददायक लगता है!
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