मराठी मुलगी की प्यासी चूत में लंड की सेक्सी कहानी-1
यह सेक्सी कहानी सेक्स को तड़पती तरुणी की है जो शादी के 15 दिन बाद से ही पति का वियोग सह रही थी. उसके सहकर्मी ने उसकी वासना भड़का कर उसकी चूत में लंड उतार दिया.
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यह सेक्सी कहानी सेक्स को तड़पती तरुणी की है जो शादी के 15 दिन बाद से ही पति का वियोग सह रही थी. उसके सहकर्मी ने उसकी वासना भड़का कर उसकी चूत में लंड उतार दिया.
मैंने सर के साथ जो किया था, नादानी में किया था, मेरी भूल थी पर आज तो मैंने सोच समझ कर अपने दिल से किया है, तभी शायद मैं दिल से खुद को तृप्त महसूस कर रही हूँ।
लंड मेरी पेंटी पर रगड़ रहा था, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, मैं अपनी पेंटी उतार कर राहुल से चिपक कर बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा! कुछ तो करो! आओ मेरे ऊपर!
अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं सिर्फ ब्रा पेंटी में हूँ, मेरा गोरा बेदाग चिकना बदन अब बेपर्दा है, मेरे चेहरे पर शर्म की लाली आ गई, मेरे जिस्म में वो आग फिर से भड़क गई।
मेरी बुर की पहली चुदाई के 5 साल के बाद मेरा जिस्म राहुल की कहानी को पढ़ कर वही सब फिर से मांगने लगा, मैंने राहुल को मेल किया.. मुझे उनका रिप्लाई भी तुरंत आया!
सर मेरे दोनों पैरों के बीच में आए, मैंने सोचा कि फिर मेरी बुर चाटेंगे… पर मैं गलत थी, आने वाले कष्ट का मुझे अंदाज़ा नहीं था, सर मेरी बुर की दरार पे लंड रगड़ने लगे।
मुझे अपनी जवानी पर नाज था, मैंने टीचर को फ़ंसा कर फ़ायदा उठाना चाहा… मैं उनके पास गई, कहा कि वो जो कहेंगे, मांगेंगे, मैं करुँगी, दूंगी, बस मुझे पास होना है!
यह कहानी अन्तर्वासना की एक पाठिका की है, पाठिका ने अपनी बुर की पहली चुदाई अपने टीचर से कैसे करवाई, ये सब उसने लेखक को यानि मुझे बताया।
हमारे सेक्स सम्बन्ध काफ़ी दिन चलते रहे। जब उनका बेटा अमेरिका से भारत आया तो उन्होंने मुझे गाँव वापिस भेज दिया और एक दिन मेरी गैर हाजिरी में अपने बेटे का रिश्ता लेकर मेरे मां बाप से मिले।
उन्होंने मुझे लिटा कर मेरे नितंब के नीचे दो तकिये लगा कर एक तौलिया बिछा दिया। मैंने आँख बंद कर ली मैं दम साधे आने वाले पलों का इन्तजार कर रही थी।
मेरे अंदर की कामनाएँ, अन्तर्वासना जग गई, बदन में चीटियाँ से दौड़ने लगी, होश में मैं नहीं थी, दिल कह रहा था कि उनका लंड मेरी चूत में समा जाये!
गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
ट्रेन में मिली लड़की के साथ मैं उसके घर में था, वह मेरे सामने नग्न हो चुकी थी और मैं अपने हाथों, और होंठों से उसे बेचैन करके चुदाई के लिए तैयार कर रहा था।
ट्रेन में मिली उस लड़की से दोस्ती के बाद वापिस भी हम एक साथ आ रहे थे। बात ऐसे बनी कि मैं उसके साथ ही उसके स्टेशन पर उतर कर उसके साथ चला गया।
कुंवारी पायल की अनछुई चूत को चोद कर मुझे मजा आ गया था। दूसरे दिन देखा तो पायल के चेहरे पए एक निखार सा आ गया था, उसे पायल चुदाई का चस्का सा लग गया था।
योनि में लिंग प्रवेश तो हो चुका था और दर्द भी मेरे चुम्बनों से कम हो चुका था। अब हम दोनों रति क्रिया का मज़ा लेने लगे थे। कहानी खुद पढ़ कर देखिए और मज़ा लीजिए!
वो सब कुछ करने को तैयार थी सिर्फ़ मेरे लिंग को अपने अन्दर लेने को राजी नहीं थी। और यही तो मेरी मंजिल थी कि उसकी अक्षत योनि में अपने लिंग का प्रवेश करवा पाऊँ!
मैं धीरे धीरे पायल का संकोच कम कर रहा था। मगर अब भी वह अपनी चूत में लंड लेने के लिये तैयार नहीं थी। कहानी पढ़ कर देखिए कि मैं उसके बदन में कहाँ तक पहुँच पाया
होटल में साथ साथ नहाने के बाद वो मेरे सामने कपड़े पहन रही थी तो मेरा लंड पूरा पूरा तन गया, पायल उसे देख कर हैरान थी। आगे की घटना कहानी पढ़ कर जानिए!
मैं अपनी माशूका के साथ होटल में उसके जिस्म के साथ खेल रहा था। मैं दो बदनों का पूर्ण मिलन चाहता था लेकिन वो किसी अज्ञात भय से हिचक रही थी, मुझे रोक रही थी।
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