राहुल बनिवाल

मैंने पड़ोसन बबली की सील तोड़ दी

मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ उसके हाथ पर रखा.. उसने कोई विरोध नहीं किया। इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया उसने मेरा साथ दिया।

पूरी कहानी पढ़ें »

अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें

हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !

* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।

Scroll To Top