अनिल ने आते ही मुझे कस कर पकड़ लिया, मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए, पर मैं क्या करती, मुझे तो कुछ भी मालूम नहीं था। मुझे तो अनिल ही सब कुछ सिखाएगा बस मैं यह ठान कर आई थी।
पाँच मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा और वो तो अभी भी धकापेल में लगा हुआ था, लेकिन एक-डेढ़ मिनट के बाद न ज़ाने क्या हुआ मेरे शरीर में सब रुक सा गया और एक अजीब सा फव्वारा मेरी योनि के अन्दर छूट पड़ा।
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