कार में मंगल 26-12-2006 मैं तुम्हारे साथ इसके लिए ही आई थी। मैंने जबसे तुम को देखा है तबसे तुम्हें अपने ऊपर लेने को तरस रही हूँ। इसीलिए मैं तुम्हें यहाँ लाई थी। पूरी कहानी पढ़ें »