चूत एक पहेली -62
अर्जुन ने भाभी को समझा दिया कि निधि बाहर नहीं आएगी, अब तुम खुलकर बिहारी के साथ चुदाई करना। उसको खुश कर देना ताकि जब तक यहाँ रहे.. वो हमें कुछ ना कहे।
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अर्जुन ने भाभी को समझा दिया कि निधि बाहर नहीं आएगी, अब तुम खुलकर बिहारी के साथ चुदाई करना। उसको खुश कर देना ताकि जब तक यहाँ रहे.. वो हमें कुछ ना कहे।
अर्जुन ने खूब ठोक कर निधि की गान्ड मारी और उसे अपना रस पिलाया। उधर पायल घूमने जाने को तैयार थी और इधर बिहारी आ गया भाभी को ठोकने!
ओह गॉड.. यह क्या हो रहा है.. अभी मैंने सोचा था.. जो हुआ वो सब अब दोबारा नहीं करूँगी.. मगर मेरा जिस्म मेरे दिमाग़ का साथ नहीं दे रहा.. नहीं नहीं.. यह भाई और बहन की चुदाई का खेल अच्छा है.. इसमें कोई बुराई नहीं है।
उत्तेजना बढ़ाने वाली गोली का असर खत्म होते ही पायल सोचने लगी कि उसने अपने भाई के साथ चुदाई करके अच्छा नहीं किया, आगे से वह ऐसा दोबारा नहीं करेगी।
दोनों लंबी चुदाई करके नंगे चिपक कर सोए थे, रॉनी के दरवाजा पीटने से पायल जागी. पुनीत उससे चिपका हुआ था, उसका हाथ पायल के मम्मों पर, टाँगें उसकी जाँघों से लिपटी हुई थीं।
पायल अपने भाई से चुद कर चैन की नींद सो रही है। उधर गाँव से आए अर्जुन, निधि और उसकी भाभी ठहरने ले लिये कमरा तलाशते हुए बिहारी मिल गया।
पुनीत की बातों से पायल उत्तेज़ित होने लगी थी। वो पुनीत की जाँघों पर सर रख कर लेट गई और उसके लौड़े को सहलाने लगी। पायल कुछ बोली नहीं और लौड़े पर जीभ फेरने लगी.. वो बहुत ज़्यादा मस्ती में आ गई थी। उसकी चूत लौड़े के लिए दोबारा तैयार हो गई थी।
चूत में लौड़ा जाएगा तो फटेगी ही ना.. वैसे कुछ भी कहो.. तुम सच में कमाल की हो.. ऐसे हुस्न के साथ आज तक कुँवारी घूम रही हो.. अगर तुम मेरी बहन ना होती.. तो मैं कब का तेरी चूत फाड़ चुका होता।
पायल बिस्तर पर आँखें बन्द किए हुए सीधी लेटी हुई थी.. उसके पैर मुड़े हुए और ऐसे फैले हुए थे.. जैसे चुदाई के वक़्त किसी रण्डी के होते हैं। वो कमर को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी और बड़बड़ा रही थी- आह सस्स आह.. भाई.. चोदो.. आह.. पूरा डाल दो.. आह..
बहन की चूत चूस ने के बाद पुनीत ने अपनी बहन को लौड़ा चुसवाया और उसके मुँह में झड़वा दिया। अब पायल अपने भाई का लौड़ा चूत में लेने को तड़प रही थी। पढ़िए कहानी में…
पायल- भाई.. अब क्या सोच रहे हो.. एक लड़की आपके इतने करीब है.. आपका मन नहीं करता.. उसको कुछ करने का.. किस करने का? पायल अब पूरी तरह से पुनीत के ऊपर चढ़ गई थी। उसकी नंगी चूत बरमूडे में तने पुनीत के लंड से टच हो रही थी। जिसका अहसास पुनीत को भी हो रहा था।
पायल के दिमाग़ में वासना का जन्म हो गया था.. वो कुछ सोच कर मुस्कुरा रही थी। रॉनी के जाने के बाद उसने अपने बाल पोंछे और सिर्फ़ एक शॉर्ट नाइटी पहन ली.. उसके अन्दर उसने जानबूझ कर कुछ नहीं पहना और धीरे से अपने कमरे से निकल कर पुनीत के कमरे के पास चली गई।
रॉनी जब अन्दर गया तो वो पिंक तौलिया में पायल के गोरे जिस्म को बस देखता ही रह गया। वो बहुत प्यारी और सेक्सी लग रही थी.. मगर रॉनी ने जल्दी से अपनी नजरें उसके नंगे जिस्म से हटा लीं।
पायल को गेम के बारे में सब पता चल गया है, वो सेक्स की आग में जल रही है तो उसने गेम में हिस्सा लेने के लिए हाँ कर दी. टोनी ने बहाने से उसके मम्मे भी छू लिए.
पायल अपने भाइयों के साथ गेम के लिये चली गई लेकिन जाने से पहले उनके नौकर ने उसे जूस में कामोत्तेजक गोली पिला दी जिससे पायल की अन्तर्वासना भड़क उठी…
पायल अपने भाई से अपनी चूत की सील तुड़वाना चाह रही थी और उधर उसके भाई के दोस्त उसे भरी महफ़िल में नंगी करना चाह रहे हैं। कहानी पढ़ कर देखिए कि क्या होता है…
पुनीत ने पायल को गेम के लिये मनाना था और पायल अपने भाई पुनीत से ही अपनी चूत चटवाई के सपने देख रही थी। सपने में वो पूरी नंगी होकर अपने भाई से अपनी चटवाती है।
एक रात अनुराधा जागरण में गई हुई थी। बच्चे सोए हुए थे.. तो संजय चुपके से सुनीता के कमरे में गया। उसको सोया हुआ पाकर उसके होंठों पर उंगली फेरने लगा।
सुनीता ने एकदम से जागते हुए कहा- भाई साहब आप.. इस वक़्त यहाँ क्या कर रहे हो?
पायल अपना अधनंगा बदन दिखा कर अपने भाई को उत्तेजित कर रही थी और पुनीत भी अपनी सगी बहन का नंगा बदब्न देख कर लार टपकाने लगा था। उधर सुनीता आपबीती याद कर रही थी।
इस भाग में पता लगेगा कि पायल की चाची को पायल के पापा ने पहली बार जबरन चोदा था। उधर पायल अपने भाई को पटाने के चक्कर में है, उसे अपने नंगे चूचे दिखा रही है।
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