मैं नीलम चाची को घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी उनके चूचों की घाटी.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि.. या फिर उनके उठे हुए चूतड़ों पर टिकी ही रहती थी। मैं उनके हुस्न के ख़यालों में खो जाता..
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