मैं सीढ़ियों से ऊपर अपनी क्लास की तरफ बढ़ रहा था, मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई देने लगीं. ये सिसकारियाँ भरने की आवाज़ें थीं. मैं समझ तो गया कि कोई खेल चल रहा है.. लेकिन मैंने सोचा कि किसी का मज़ा क्यूँ खराब करूँ!
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