सहेली की समस्या
यह पत्र रूपा वर्मा ने कामिनी सक्सेना को लिखा दोनों की एक सहेली मालिनी की समस्या के बारे में : प्रिय कामिनी, मैं रूपा वर्मा
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यह पत्र रूपा वर्मा ने कामिनी सक्सेना को लिखा दोनों की एक सहेली मालिनी की समस्या के बारे में : प्रिय कामिनी, मैं रूपा वर्मा
मैंने बड़े आराम से छेद पर आंख लगा दी। अनिल पहले तो चाची से बात करता रहा… फिर उसने चाची के ब्लाऊज़ पर ऊपर से ही हाथ फ़ेरा। चाची ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूंचियों पर दबा दिया।
घर के काम के लिये हमने नौकरानी रखी, 20 साल की भरपूर जवान, सुन्दर, सेक्सी फ़िगर, बदन पर जवानी की लुनाई, चिकनापन झलकता था। मेरे पति तो पहले दिन से ही उस पर फ़िदा था।
मेरे मुख से आहें फूट पड़ी. गांड चुदाने से मेरी उत्तेजना पहले ही बढ़ी हुयी थी. अब उत्तेजना और भी बढाती जा रही थी. उसके लंड के मोटेपन का चूत में अहसास हो रहा था.
लेखिका : नेहा वर्मा आज मेरे पास कोई काम नहीं था. मैं यूँ ही साथ वाले घर में अपनी सहेली कोमल से मिलने चली गयी.
लेखिका : नेहा वर्मा मेरी सगाई की तारीख पक्की हो गई थी। मैं जब सुनील से पहली बार मिली तो मैं उसे देखती रह गई।
प्रेषिका : नेहा वर्मा मैं अपना पहला सेक्स का अनुभव लिख रही हूं। उस समय मैं बी ए के दूसरे साल में पढती थी। सहेलियों
मैं जब 24 साल की थी उस समय मेरी नौकरी भोपाल में लग गई थी. टेम्परेरी थी. जीजू ने कोशिश करके लगवा दी थी. मैं
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