उल्टी गंगा: भाई बहन की चुदाई की ऑडियो सेक्स स्टोरी
मैंने उसे बताया- राहुल! मैंने तुम्हे रात को मुठ मारते देखा था। टी वी पर ब्ल्यु फ़िल्म चल रही थी। मैं तो बस तड़फ़ गई थी… ऐसा मोटा लण्ड देख कर…
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मैंने उसे बताया- राहुल! मैंने तुम्हे रात को मुठ मारते देखा था। टी वी पर ब्ल्यु फ़िल्म चल रही थी। मैं तो बस तड़फ़ गई थी… ऐसा मोटा लण्ड देख कर…
जीजा साली की चूत चुदाई तो कर चुका था पर अब साली की गांड चुदाई की बारी थी. साली ने अपनी गांड में तेल लगा कर उंगली से गांड चुदाई के लिए तैयार की.
जीजा की नजर अपनी जवान साली पर थी और साली भी जीजा से चूत की चुदाई करवाना चाहती थी. तो देखो कि जीजा साली की चुदाई की तमन्ना कैसे पूरी हुई!
नेहा वर्मा दस मिनट बाद मैंने उनकी चूत में गरम-गरम रस डाल दिया और इस दौरान वो भी दोबारा झड गई थीं। मेरा लंड अभी
नेहा वर्मा मैं चाय लेकर चुपचाप उसके पीछे खड़ी होकर देखने लगी। वो भी हॉट सेक्सी सीन्स का मज़ा ले रहा था। अचानक उसने देखा
नेहा वर्मा कुछ दिन पहले हमारे रिश्ते में एक शादी में हम सभी गए थे। बहुत सारे रिश्तेदार आए हुए थे। मैं भी बहुत उत्साह
चम्पा को चोद लेने के बाद मेरे दिलो दिमाग पर अब गंगा मौसी छाने लगी थी। मेरी अश्लील हरकतों को गंगा भांप गई थी, वो
उनकी गुलाबी आंखे ऊपर उठ कर मेरी तरफ़ घूरने लगी। उनके होंठ थरथरा उठे… उनकी आंखें अब बन्द होने लगी। मैंने धीरे से उनके लबों के पास आकर उन्हें चूम लिया।
अगले दिन भी मुझे रात में किसी के चलने आवाज आई। चाल से मैं समझ गई थी कि ये सुरेश ही थे। वे मेरे बिस्तर
मेरा नाम सोनाली, मैं कानपुर, उत्तर प्रदेश की हूँ। मेरी कहानी सच्ची है। मैं अन्तर्वासना को करीब दो वर्ष से पढ़ रही हूँ। मुझे भी
कहानी का पिछ्ला भाग: कैसे कन्ट्रोल करूँ-1 अब तो जीजू मुझे किसी सेक्सी फ़िल्मी हीरो जैसे लगने लगे थे, वो तो मेरे लिये कामदेव की
जब से मुझे पर जवानी आई है, मन चुदने को करने लगा है, रंगीन सपने आने लगे हैं। हाय, मुझे पहले की तरह फिर से
लेखिका : नेहा वर्मा मैं बहुत देर तक उन दोनों के नंगे बदन को निहारती रही। मेरे दिल में उनसे लिपटने की इच्छा होने लगी,”उफ़्फ़
लेखिका : नेहा वर्मा मैं दिल्ली में एक ऑफ़िस में काम करती हूँ। मेरे पति और मेरी, हम दोनों की महनत से घर ठीक से
कहानी का पहला भाग: दिल की कशिश-1 मेरे लेटते ही रोहन भी मेरी बगल में लेट गया। फिर उसने अपना सर नीचे किया और मेरी
लेखिका : नेहा वर्मा मुझे अब मालूम हो गया था कि राजू अब सरिता को नहीं बल्कि मुझे पसन्द करने लगा था। वो शाम को
लेखिका : नेहा वर्मा पटना की मेरी ई-मित्र शिखा जो 55 वर्ष की है, अपने जवानी के मधुर पलों को याद करते हुये कहती है
मुझे चुदाये हुए काफ़ी दिन हो गये थे। मेरा निशाना अब मेरा भाई था। अचानक ही वो मुझे सेक्सी लगने लगा था। घर पर पज़ामें में उसका झूलता लण्ड मुझे उसकी ओर आकर्षित करता था।
लेखिका : कामिनी सक्सेना यह कहानी नेहा वर्मा की एक सच्ची कहानी है, जिसे उन्होंने मुझे लिखने को कहा है। यह एक साधारण सी कहानी
रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अदिति बहुत थकी हुई सी थी। आते ही वो पहले तो बैठक में
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