रेलगाड़ी में टीटी ने हम दो सहेलियों को चोदा -2
काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा। अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी, वो मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
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काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा। अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी, वो मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
ट्रेन में भीड़ के कारण मुझे अपनी सहेली के साथ ए सी कोच में बिना टिकट चढ़ना पड़ा. टीटी आया तो उसे पैसे देकर टालने की कोशिश की लेकिन उसकी कामुक नज़र तो हम दोनों की जवानी पर थी.
यह कहानी मेरी एक सहेली की है जिसे पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिये अपना बदन बेचना पड़ा। उसने मुझे बताया कि एक पॉश कालोनी में एक आलीशान घर में एक औरत दलाली करती है।
कोई भी कामोत्तेजक दवा आदि ना इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे सेक्स तो बहुत आता है.. पर सुबह होने पर टायलेट में बहुत जलन.. एलर्जी.. और सरदर्द.. उल्टी और बदन टूटना जैसी प्रॉब्लम्स हो जाती हैं..
उसने मुझे सीधा बिस्तर पर गिरा कर लिटा दिया और एकदम से मेरे ऊपर चढ़ कर अपने लण्ड का सुपारा मेरी चूत पर रख कर एक ही धक्के में अन्दर चूत की जड़ तक ठेल दिया।
वो मेरी चूत चाटने लगे, मुझे मज़ा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था.. क्योंकि वो काट भी रहे थे। वो मेरी चूत का लाल वाला दाना अपने होंठों से पकड़ कर खींचते हुए चूस रहे थे, साथ ही मेरी चूत में उंगली भी करते जा रहे थे।
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