मेरी अय्याश मम्मी और चुदक्कड़ सहेली
मेरे पापा दूसरे शहर में जॉब करते हैं तो पीछे से मम्मी की अयाशी शुरू हो जाती है. मेरी मम्मी की चुत हमेशा लंड की प्यासी रहती है. मैंने भी मम्मी की चुदाई देखी.
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मेरे पापा दूसरे शहर में जॉब करते हैं तो पीछे से मम्मी की अयाशी शुरू हो जाती है. मेरी मम्मी की चुत हमेशा लंड की प्यासी रहती है. मैंने भी मम्मी की चुदाई देखी.
मेरे पापा बीमार थे तो मेरी मम्मी की वासना पूर्ति नहीं होती थी. एक बार मैंने एक टीचर से ट्यूशन पढ़नी शुरू की और मम्मी और टीचर को मिलवाने की कोशिश की. तो क्या हुआ?
घर में रिश्तों में चुदाई की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी मम्मी को मेरी दीदी ने अपने ससुर से चुदवाया. मेरी दीदी को तो उनके ससुर ने शादी के कुछ दिन बाद ही चोद दिया था.
मेरी बेटी की शादी हुई, बेटी ने मुझे बताया कि जमाई रात भांग खाकर बहुत परेशान करते हैं. मैं समझ गयी कि बेटी के कहने का क्या मतलब है। यह सुनकर मुझे भी जमाई जी से मजे लेने का मन करने लगा।
शादी लायक मेरी बेटी की शादी के लिए लड़के वाले देखने आये तो इस दौरान मैंने गौर किया कि मेरे होने वाले मेरे समधी मुझे बहुत कातिल निगाह से देख रहे थे। मुझे अजीब सा तो लगा लेकिन कहीं अंतर्मन में कुछ खुशी सी भी हुई. फिर क्या हुआ? पढ़ें मेरी चुत की चुदाई की हिन्दी स्टोरी में!
मैं दिखने में सेक्सी हूँ, मेरे पति बहुत कम मुझे चोदते हैं. मेरी बेटी शादी के बाद घर आई तो जमाई जी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मेरी बेटी की शिकायत करने लगे कि वो ठीक से नहीं चूत देती. आगे क्या हुआ? सास और दामाद की इंडियन इन्सेस्ट स्टोरी में पढ़ें!
मैं बहुत सेक्सी औरत हूँ दिखने में भरे पूरे शरीर की हूं, मेरी बेटी की शादी हो गयी। घर पर मैं अकेली रह जाती हूँ। मेरे पति अब मेरी बहुत कम चुदाई करते थे। मैं परेशान रहती थी।यह हिन्दी पोर्न स्टोरी मेरे साथ मेरे नए बने समधी जी की चुदाई की है, मैंने मेरे समधी जी के कहने पे लिखी है। आप लोग कहानी का आनन्द लें।
मेरी सास नहीं है। होली के दो दिन पहले मेरे ससुर जी मुझसे बोले कि समधन जी को होली पर बुला लो। मैंने बुला लिया. होली खेलें के बाद हमारे घर में जो जो चोदन कारनामे हुए, वे सब आपको इस कामुकता भरी कहानी में बता रही हूँ.
ये एक फैमिली सेक्स स्टोरी है. मेरी मम्मी को फूफा जी ने चोदा, ताई को उनकी बेटी के ससुर ने चोदा, बुआ को भी चोदा… शायद शारीरिक सम्बन्ध को हमारे घर में एक मनोरंजन समझा जाता था. अभी तक मुझे इस विषय में कोई जानकारी नहीं हुई थी कि किसका किसके साथ खेल चलता है.
मेरे पति कुछ दिनों के लिए बाहर गए तो मेरी कामुकता काबू से बाहर होने लगी. मेरे ननदोई अक्सर हमारे घर आते थे तो मैंने अपनी चुदास उनसे चूत और गांड मरवा कर बुझवाई!
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