रेखा- अतुल का माल-1
आपने मेरी लिखी कहानी हमारी नौकरानी सरीना पढ़ी। उसी को आगे बढ़ाते हुए अब अगला भाग “रेखा- अतुल का माल” पढ़िए। दो बजने से 5
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आपने मेरी लिखी कहानी हमारी नौकरानी सरीना पढ़ी। उसी को आगे बढ़ाते हुए अब अगला भाग “रेखा- अतुल का माल” पढ़िए। दो बजने से 5
सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़
मुंबई में मेरी पोस्टिंग तीन महीने पहले ही हुई थी, मैं और मेरी बीवी उर्मी एक फ्लैट में रहते थे। मेरी नौकरी ऐसी थी कि
अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन
मेरी बुर उमा की चुदाई देखकर बुरी तरह गरम हो गई थी। मैं वापस आकर लेट गई कुछ देर और चुदवाने के बाद उमा भी
अगले दिन से मैं अलग कमरे में सोने लगी। भाभी अब भैया के साथ सो रही थीं। मुझे घर में रहते हुए बीस दिन से
मैं रीता हूँ मेरे पति का नाम अतुल है। मेरे पति चाहते हैं कि मैं उनका लौड़ा चुसूं और पूरी नंगी होकर सेक्स में तरह
प्रेषिका : उषा मस्तानी पहले भाग से आगे : अंकल उठकर पलंग के पास सोफा कुर्सी पर बैठ गए। मौसी ने मेरी चूत पे हाथ
प्रेषिका : उषा मस्तानी कोठे की कुतिया में आपने पढ़ा कि मौसी ने किस तरह से मुझे एक रंडी बना दिया था। अब पढ़िए कि
रात के ११ बज़ रहे थे। मौसी के कमरे में ए. सी. चल रहा था मैं और मोनी वहां एक नेकर पहन कर बैठ गई।
अगल बगल में सभी लड़कियाँ अपने हाथों में लंड पकड़े हुए थीं और उनको मसल रही थीं। मोनी को एक मोटे से सेठ ने अपनी
पिंटू ने मेरे ब्लाउज़ और पेटीकोट उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया और बोला- रंडी, साली ! अब तू पूरी कोठे की कुतिया लग रही है ! उसने कस कस कर मेरी चूचियां मसलनी शुरू कर दीं।
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा, बाहर भाभी हैं, वो सब संभाल लेंगी। लेकिन तेरी चूत का भूत नहीं भागा तो सारे शरीर में फ़ुंसियाँ
रोमा बहुत खुल गई थी, बातों बातों में मैंने सोना के बारे में पूछ लिया। रोमा ने बताया कि सोना बहुत सुंदर है। साली को
मेरा नाम राकेश है, मैं एक कम्पनी में मैनेजर हूँ। कुछ दिन पहले अपने ऑफिस के गार्ड रमेश से मेरी दोस्ती हो गई। धीरे धीर
मस्ती कोठे की शाम के सात बज रहे थे, मौसी ने मुझे बगल में बुला कर बिठा लिया, मैं मौसी के पास जाकर बैठ गई।
बात उन दिनों की है जब मुंबई में दंगे चल रहे थे। पुणे में भी कुछ दिनों के लिए बस सर्विस बंद थी। मैं उन
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