किरायेदार-1
मेरा नाम राकेश है, 4 साल पहले मैंने एम बी ए किया था। अभी हाल मैं ही मैंने एक नई कम्पनी कल्याण में ज्वाइन की।
Hindi Sex Stories » Archives for उषा मस्तानी » Page 3
मेरा नाम राकेश है, 4 साल पहले मैंने एम बी ए किया था। अभी हाल मैं ही मैंने एक नई कम्पनी कल्याण में ज्वाइन की।
लेखिका : उषा मस्तानी सतीश एक तरफ मेरी चूचियों का रस नोच नोच कर निकाल रहा था, अमित दूसरी तरफ गांड लंड से खोद रहा
लेखिका : उषा मस्तानी अगले दिन रात को आठ बजे सतीश और अमित वापस आ गए और आते ही नहाने चले गए। भाभी और मैं
लेखिका : उषा मस्तानी लौड़ा घुसने के बाद सतीश ने तेज धक्कों से मेरी चूत फाड़नी शुरू कर दी थी। मैं ऊह आह ऊह का
लेखिका : उषा मस्तानी 5 मिनट में बबलू ने मेरी फाड़ कर रख दी थी, मैंने 2 बार पानी छोड़ दिया था। इसके बाद वो
प्यासी दुल्हन का अगला भाग चुदाई यात्रा पाठकों के लिए हम लोग कार से लखनऊ के लिए रात में चल दिए। अगले दिन मेरी परीक्षा
भाभी बोलीं- चिंता न कर ! हम दोनों की यह यात्रा चुदाई यात्रा होगी। दोनों मस्त होकर चुदवाएंगी, तू जितने लंडों से खेलना चाहेगी उतने से खिलवाऊँगी तुझे।
सुबह 9 बजे मेरी नंगी चूत में भाभी ने अपनी उंगली घुसा दी, मैं हड़बड़ा कर उठी, भाभी ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए चुटकी ली और बोलीं- अब उठ जाओ, देवर जी ऑफिस जाने वाले हैं, दो बार पूछ गए कि भाभी उठीं या नहीं ! जाओ और थोड़ा अपनी जवानी का रस पिला आओ।
मैंने अपना कुरता ऊपर उठाया और बोली- सिर्फ एक-एक बार दोनों चुचूक चूस लो और काटना नहीं। मेरे दोनों चूतड़ों को दबाते हुए अमित ने दोनों चुचूक एक एक करके मुँह में लिए और लॉलीपोप की तरह एक एक बार चूसे।
सासु माँ ने पापाजी की चड्डी उतार दी और उनका लंड अपने हाथ में लेकर सहला रहीं थीं। थोड़ी देर में उन्होंने उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगीं।
मेरी चूत गर्म भट्टी हो रही थी, मन कर रहा था कि पापाजी लंड मेरी चूत में डाल दें।
सभी हसीनाओं और उनके आशिकों को चुदाई हाल में भेज दिया गया। उमा ने बाहर जाने वाले दरवाजे पर बची हुई आठ लड़कियों को पतली
काउंटर पर बहुत भीड़ थी, अभी शो शुरू नहीं हुआ था। नीचे घूम रही रण्डियाँ ग्राहकों से टिप लेकर चूचियाँ दबवा रही थीं और उनसे
सोफे पर बैठ कर हम लोग दोनों का नाच देखने लगे। दो मिनट बाद नाचते नाचते उन्होंने ब्लाउज उतार दिये और चूचियाँ तरह तरह से
रीता और गीता अब नंगी थीं। रंजना ने भी अपनी स्कर्ट उतार दी, रंजना की चूत पाव रोटी की तरह फूली हुई थी। मैंने रूचि
आपने अभी तक कहानी हमारी नौकरानी सरीना रेखा- अतुल का माल और रुचि का शिकार पढ़ी अब इस शृंखला का आखिरी भाग प्रस्तुत है :
रुचि सीधे होकर मुझसे चिपक गई और बोली- सच राजीव, इतना मज़ा कभी चुदने में नहीं आया ! तुमने तो एक घंटे मेरी चूत में
अभी तक आपने हमारी नौकरानी सरीना-1 रेखा- अतुल का माल-1 में पढ़ा कि कैसे सरीना ने मुझे अपने और रेखा के बदन के भरपूर मजे
इस बीच रेखा का मोबाइल बजा। रेखा बोली- मेरे पति का है ! मैंने लण्ड बाहर खींच लिया तो रेखा बोली- घुसाए रखो ! निकालते
रेखा सीधी होकर पलंग पर बेसुध होकर लेट गई। अतुल भी बेसुध हो रहा था, मेरा लण्ड खाली हो गया था लेकिन मुझे लग रहा
लेखिका : उषा मस्तानी सरीना अतुल से बोली- अतुल जी, रेखा गाण्ड मरवाने को तैयार है। आप उसकी गाण्ड प्यार से मारिएगा। अकेले आप गाण्ड
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।