सविता भाभी का बकरा-12
सोनम की चूत और गाण्ड पर मेरा पूरा कब्ज़ा है, वो मुझे जैसा मैं चाहता था वैसा सेक्स करने देती है, उसने मुझे घर मैं कभी कोई दिक्कत नहीं होने दी।
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सोनम की चूत और गाण्ड पर मेरा पूरा कब्ज़ा है, वो मुझे जैसा मैं चाहता था वैसा सेक्स करने देती है, उसने मुझे घर मैं कभी कोई दिक्कत नहीं होने दी।
सोनम और मैं बिस्तर पर लेट गए थे, उसने लॉन्ग स्कर्ट के नीचे चड्डी नहीं पहन रखी थी, मेरा हाथ उसकी स्कर्ट में घुस कर जाँघों से फिसलता हुआ चूत के दाने पर चला गया, जिसे मैं रगड़ने लगा।
सविता भाभी सोनम और मैं साथ साथ नंगे नहाए और नहाते हुए एक दूसरे के अंगों को हमने खूब सहलाया-दबाया और एक दूसरे के छेदों में गुदगुदी की, बड़ा मज़ा आया।
हम दोनों एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाने लगे, मैंने सविता भाभी की चूत पर साबुन लगाते हुए उंगली अन्दर डाल दी और पूसी दबाते हुए बोला- आपकी चूत तो पूरी रसीली हो रही है।
सोनम बोली- मैं अपने पति के साथ सिर्फ 15 दिन रही थी। चुदने के बाद चूत की आग बढ़ जाती है, एक साल से दबा कर रखी हुई है और चुदने का बड़ा मन कर रहा है।
सोनम बोली- दीदी की माँ की चूत, मुझे सोनम बुलाओ, कुतिया और रंडी भी चलेगा लेकिन दीदी दोबारा बोला तो गाण्ड में बांस घुसा कर यहाँ से भगा दूँगी।
सविता भाभी की चूत मेरी आँखों के सामने थी, मैं उनके ऊपर चढ़ गया, अपने हाथ से चूत पर मेरा लौड़ा लगाते हुए बोली- आज बस में तुमने बहुत तड़पाया है। अब इस कमीनी फ़ुद्दी को फाड़ दो।
भाभी ने मेरा हाथ हटा कर अपनी साड़ी की गाँठ थोड़ी ढीली कर दी और मेरा हाथ नाभि पर रख दिया। नाभि के रास्ते से आराम से हाथ उनकी साड़ी के अन्दर घुस गया।
भाभी मेरा लौड़ा अपने हाथों से सहलाते हुए बोली- इसकी जगह औरतों की चूत में होती है। अब तुम्हारी उम्र इसे औरतों के छेदों में डालने की है, हाथों से हिलाने की नहीं है।
भैया लौड़ा अन्दर पेलते जा रहे थे और भाभी सिसकारियाँ भरने लगीं थीं, शीशे में से भाभी ने मुझे भी देख लिया था, उन्होंने मुझे आँखों से शांत रहने का इशारा किया.
भाभी ने खड़े होकर मुझे अपनी दुधिया चूचियों से चिपका लिया और बोलीं- शुरू शुरू में सबके साथ ऐसा ही होता है। अभी थोड़ी देर में यह दुबारा खड़ा हो जाएगा। नहाने के बाद बिस्तर पर मेरी चूत में पेलना। दो दिन में मैं पूरा चोदू बना दूँगी तुम्हें !
सविता भाभी मेरे सामने साड़ी उतारते हुए बोलीं- पूरा बदन मल मल कर नहाती हूँ, तभी तो इतनी चिकनी हूँ। साड़ी उतार कर पलंग पर रखते हुए बोली- अच्छा बताओ, मैं माल लगती हूँ या नहीं?
गीता बोली- इसे तो 3-3 लण्डों से पिलवाना पड़ेगा, तब सुधरेगी यह। उसके बाद हम सब नंगे होकर प्रेम से चाय पीने लगे। मैंने मुन्नी
कुसुम रो पड़ी। गीता ने आगे बढ़कर उसके आंसू पौंछे और बोली- जब खुद की चुदती है तो आँसू आते ही हैं, और जब दूसरे
कुसुम रोते हुए बोली- मुन्नी मेरी अच्छी सहेली है। कल बेचारी ने पति से छुप कर हज़ार के दो नोट दिए थे, बोली थी ‘अपने
मैंने उसके होंटों पर पप्पी लेते हुए उसके चुचूकों पर नाख़ून गड़ाए और कहा- पहले अपनी फुद्दी का दर्शन तो करा दो। कुसुम ने बिना
अगले दिन मुन्नी के पति वापस आ गए और 5-6 दिन बिना किसी हंगामे के निकल गए। भाभी मुझसे बहुत खुश थीं और उन्होंने मुझे
गीता भाभी आहें भरने लगीं, उनकी चुदाई शुरू हो गई थी, स्तनों को दबाते हुए चूत धक्के पर धक्के खा रही थी, गीता चुदाई का
मैं घर चार बजे पहुँच गया, भाभी को जब मैंने यह सब बताया तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, उन्होंने मुझे बाहों में भर
अगले दिन दोपहर का समय था, मैं पास के एक काम्प्लेक्स में खड़ा था, तभी राखी उधर आई तो मुझे देखकर मुस्कराई, राखी से मैंने
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