मेरी नजर ममेरी बहन पर शुरु से नहीं थी, लेकिन जैसे – जैसे जवानी का भूत सर चढ़ने लगा वैसे-वैसे नजर बदलने लगी, मैं उसे अौर गौर करके घूरने लगा। वो मुस्कुरा दिया करती और मेरी हिम्मत बढ़ने लगी।
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