मेरे होंठ उसकी गाण्ड की तरफ गए और दोनों मटकों को मैं चाटने लगा। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.. लगता था जैसे उसके पति ने कभी वहाँ हाथ भी नहीं लगाया था।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।