पापा का दोस्त 05-08-2007 प्रेषिका : लवीना सिंह अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्यार भरा सलाम। मैं नियमित रूप से सारी कहानियां पढ़ती हूँ और बस यही कहूँगी कि पूरी कहानी पढ़ें »