केयर टेकर-2
कहानी का पिछला भाग: केयर टेकर-1 एक सप्ताह बाद सवेरे प्रीतम आया और कुछ पैसे मुझे दे गया। बता गया कि शाम को कुछ बिजनेस
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कहानी का पिछला भाग: केयर टेकर-1 एक सप्ताह बाद सवेरे प्रीतम आया और कुछ पैसे मुझे दे गया। बता गया कि शाम को कुछ बिजनेस
मैं दुनिया में बिल्कुल अकेली थी। मेरे माँ-बाप बचपन में ही एक दुर्घटना में चल बसे थे। मेरे मामा ने ही मुझे पाल-पोस कर बड़ा
वो स्नान करके बाहर आई, पूरी भीगी हुई थी। उसने तौलिये के लिये नजर दौड़ाई। अभी वो मात्र पेंटी में ही थी और गीली पेंटी उसके कोमल चूतड़ों से चिपकी हुई थी।
रोहण के बन्द कमरे की पीछे वाली खिड़की से एक बार कविता ने रोहण को ब्ल्यू फ़िल्म देखते फिर मुठ्ठ मारते देख लिया था। वो भी जवान थी, उसके दिल के अरमान भी जाग उठे थे।
जीजा साली चुत चुदाई कहानी का पिछला भाग : जीजू संग खेली होली-1 सवेरे से ही मेरा मन बहुत खुश था। आज चुदना जो था।
मेरी उम्र 26 साल की हो गई, पर अभी तक मेरे लिये कोई भी लड़का पापा ने नहीं देखा। वो इस बात को समझने के
कोई बचा ले मुझे-1 विपिन घायल हो कर मेरे ऊपर चढ़ा जा रहा था. अपने आप को मेरे बदन पर सेट कर रहा था. मैंने
मैं सामाजिक कार्य में बहुत रुचि लेती हूँ, सभी लोग मेरी तारीफ़ भी करते हैं. मेरे पति भी मुझसे बहुत खुश रहते हैं, मुझे प्यार
‘मेरी बीवी तो तुझसे चुदाने को मरी जा रही थी, साली का चोद चोद कर कचूमर निकाल देना!’ फिर जोर से हंस दिया।
राज ने उसे खींच कर अपने से चिपका लिया और उसके अधर चूसने लगा। वो थोड़ा सा कसमसाई और अपने आप को छुड़ा लिया, अपने होंठों को पोंछती हुई वो मुसकराई।
‘दीदी, आप तो मेरी जान हो… कहो ना!’ ‘मुझे गाण्ड मरवाने का बहुत शौक है… प्लीज!’ ‘क्या बात है दीदी… गाण्ड और आपकी… सच में मजा आ जायेगा!’
रीता शर्मा मेरी शादी हुये लगभग तीन साल गुजर चुके हैं। मेरे पति सुशील मुझसे बहुत प्यार करते हैं, एक प्राईवेट फ़र्म में काम करते
लेखक : ज़ो हन्टर आभा अब बेशर्मी से मुझसे लगभग रोज ही चुदाने लगी। उसे देख कर तो मुझे ऐसा लगने लगा कि उसे चुदाई
लेखक : जो हन्टर मैं योग का शिक्षक हूँ। मैंने योग के द्वारा कई व्याधियां दूर की हैं। यह बात ओर है कि मेरी कमजोरी
‘अंकल जी, हाय चूत मार दी रे, मेरी फ़ुद्दी चुद गई, आह्ह मेरा माल निकला रे , हरामजादी… मेरी चूत फ़ोड़ डाली रे…’ और उसने अपनी चूत सिकोड़ ली। राधा झड़ने लगी, उसका पानी निकलने लग गया था।
मैंने धीरे से उसकी छोटी छोटी चूंचियों को सहलाना चालू कर दिया। कभी कभी उसके निपल भी उमेठ देता था। वो सिसकारी भरने लगी- अंकल, हाय और करो, हाय अंकल!!!
लेखिका : रीता शर्मा विजय और नीरा का घर आपस में लगा हुआ था। नीरा शादी-शुदा थी और विजय से लगभग दस साल बड़ी थी।
लेखिका : कामिनी सक्सेना हम लोग जहां रहते हैं वो एक पुराना मुहल्ला है। पुराने टाईप के घर है, आपस में लगे हुए। लगभग सभी
मेरी टांगें चौड़ी करके उसका चेहरा मेरी चूत पर झुक गया और वहाँ अपना मुँह लगा दिया। ‘अरे ये क्या कर रहे हो… ये तो पेशाब की जगह है छी: हटो, जाने क्या कर रहे हो?’
भाभी की सहेली कुछ दिनों के लिए घर पर आई हुई थी. भाभी और मेरे सम्बन्ध मधुर थे. जब भी भाभी की इच्छा होती थी वो, भैया के जाने के बाद मुझसे चुदवा लेती थी.
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