दीपक नहीं माना और जबरन गेट खोल कर अन्दर आ गया। उसने अपना लौड़ा निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया.. जितना अन्दर जा सकता था उतना घुसेड़ दिया और फिर मेरे मुँह मे ही मूतने लगा।
मेरे भाई के दोस्त ने मेरी सील तोड़ दी थी। मैं बार बार चुदना चाह रही थी। उसी दिन दोपहर को भाई के तीन दोस्त आये मैं समझ गई कि आज मेरी चुदाई 4 लौड़ों से होने वाली है।
एक सुबह मेरे भाई का दोस्त उसे बुलाने आया तो भाई तैयार होने चला गया और मैं उलटी लेटी सोने का दिखावा कर रही थी. दोस्त मेरे पास ही बैठा था, मैंने शरारत की तो..
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