अमेरिकन लण्ड वांट्स देसी चूत चुदाई -2
दोनों के लण्ड मुझे सुई की तरह मेरे दोनों बगल से काँटे की नोक जैसे चुभ रहे थे और ऐसा लग रहा था.. मानो मेरी चूत से आग्रह कर रहे हों कि प्लीज़ हमें तुम्हारी प्यारी सी चूत में थोड़ी सी जगह दे दो।
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दोनों के लण्ड मुझे सुई की तरह मेरे दोनों बगल से काँटे की नोक जैसे चुभ रहे थे और ऐसा लग रहा था.. मानो मेरी चूत से आग्रह कर रहे हों कि प्लीज़ हमें तुम्हारी प्यारी सी चूत में थोड़ी सी जगह दे दो।
फिर उन्होंने एक कदम और आगे बढ़ाया और अब दोनों ने एक-दूसरे के लण्ड पर मेरा नाम लिखा और फोटो भेजने लगे। फिर फोटोज से बात वीडियो तक आ गई।
अब बारी मेरी थी.. उसके लंड का टेस्ट लेने का, मैंने उसके लंड पर थोड़ा का थूक निकाल कर लगाया और अपने होंठों से किस्सी करने लगी।
मेरी चूत चोद कर ही बॉस ने मुझे नौकरी दी थी। मुझे चोदने के लिये एक दिन उसने मुझे काम के बहाने अपने घर बुलाया। वहाँ क्या और कैसे हुआ इस कहानी में पढ़िए।
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आप लोगों की तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ जो आप ने मुझे इतना प्यार दिया… आम लोग तो प्यार से दूसरों
मुझे जेरोम ने बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में लगा दिया.. मेरी तरफ देखा कर वो धीरे-धीरे अपना घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा।
मैं अपने यार के साथ चुदाई की मौज ले रही थी कि मेरी सहेली सविता मेरे घर आ गई तो मेरे चोदु ने अपना एक दोस्त बुला लिया और दिन रात चुदाई होने लगी. और जब सविता का जन्मदिन आया तो उन चोदुओं ने दो चोदू और बुला लिए..
मैं जूही परमार बड़ी चुदक्कड़ हूँ, लंड देखा नहीं कि मेरी जीभ लपलपाने, चूत फडफड़ाने लगती है और गाण्ड का छेद खुलने बंद होने लगता है. मेरी चुदाई की कहानी जिसमे मैंने अपने जिम इंस्ट्रक्टर से अपनी गाण्ड मरवा ली..
दोस्तो, मैं आपकी प्यारी चुदक्कड़ जूही अपनी चूत की दास्तान लेकर प्रस्तुत हुई है। थोड़ी देर बाद वो फिर से चुदाई के मूड आ गए,
दोस्तो, मैं आपकी इकलौती लाडली प्यारी चुदक्कड़ जूही एक बार फिर अपनी चूत की दास्तान लेकर प्रस्तुत हुई है। आप लोगों ने जो मेरी पुरानी
दोस्तो, मैं आपकी एकलौती प्यारी चुदक्कड़ जूही एक बार फिर बार अपनी चूत की दास्तान लेकर प्रस्तुत हुई है। आप लोगों ने जो मेरी पुरानी
गाण्ड मरवाने का चाव-2 जूही परमार वो मेरे लिए जूस लेकर आया। मैं जूस पीते-पीते सोचने लगी। वैसे तो सुहागरात से पहले दुल्हन दूल्हे के
गाण्ड मरवाने का चाव-1 जूही परमार मैंने आज तक गाण्ड नहीं मरवाई। मैं राहुल से नहीं मरवाना चाहती थी, क्यूँकि राहुल का लंड कुछ ज्यादा
थोड़ी देर बाद पीटर का वीर्य मेरे चेहरे और आखों पर गिर गया। मैंने पीटर से वीर्य को पीटर से ही लंड से मल लिया और फिर आराम से पीटर के लंड को चूसने लगी। वहीं पीटर भी मेरी चूत को अपने होंठों से तार-तार कर रहा था। उधर सविता ने भी अब्दुल की पीठ को कस कर पकड़ लिया और अब्दुल को चूमने लगी।
सुनील ने मुझे राहुल से इतवार को मिलवाने का वादा किया था। मैं रविवार का इंतज़ार करने लगी और सोचती रही राहुल कैसा दिखता होगा,
तभी सुनील ने मेरी कमर पकड़ी और मुझे अपनी गोद में खींच लिया और बोला- आज तो देख ही लिया जाए, तुम आगे-पीछे, ऊपर-नीचे से
अब जबकि मुझे लंड का स्वाद मिला चुका था, मेरे दिल और दिमाग में ढेर सारी बातें चलने लगी थी, उस रात में मुझे बहुत अच्छी नींद आई।
जूही परमार अब मेरी चूत अब्दुल के होंठों पर आराम कर रही थी और अब्दुल की जीभ मेरी चूत से साथ अठखेलियाँ कर रही थी।
कुछ ही देर में पीटर का दोस्त भी ऊपर आ गया और मुझे मेरी गाण्ड के आस पास कुछ मोटा मोटे लण्ड जैसा एहसास होने
जूही परमार जैसे ही हमने दरवाज़ा खोला सविता सामने कुर्सी पर बैठी हुई थी। हम दोनों उसको देख आश्चर्यचकित हो गए। थोड़ी देर तक तो
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