एत बात औल…पुंचु?-2
प्रेषक : जितेन्द्र कुमार मैंने उनसे स्पष्ट कह दिया- भाभी, मेरी कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं है, सच में ! भाभी सम्भल कर बोली- सच में !
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प्रेषक : जितेन्द्र कुमार मैंने उनसे स्पष्ट कह दिया- भाभी, मेरी कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं है, सच में ! भाभी सम्भल कर बोली- सच में !
आपने मेरी कहानी मैं भ्रम में रह गया तीन भागों में पढ़ी होगी। आज जो बात मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो उससे पहले
प्रेषक : जितेन्द्र कुमार आख़िर जब वो पूरा घुस गया तब मैंने दीदी के पाँव अपने कंधों पर लिए और तल्लीनता से उसे चोदने लगा।
प्रेषक : जितेन्द्र कुमार हाय, मैं जितेन्द्र एक बार फिर एक नई कहानी के साथ आया हूँ। तो कहानी पर आता हूँ ! आपको तो
हम दोनों पागलॉ की तरह लिपट गये और एक दूसरे के शरीर को टटोल कर आनंद लेने लग गये। अब मैंने उसकी चोली खोल दी और पैंटी भी उतार दी, उसके तन व मेरे बीच में कोई नहीं था।
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