मुम्बई से दुबई- कामुक अन्तर्वासना-8
हम एक ही बर्थ पर थे तो मेरी हरकतों से वो लड़की गर्म हो गई, मेरा साथ देने लगी। कहानी पढ़ कर देखिये कि मैंने उसे कैसे चोदा और उसने कैसे मेरी चुदाई का मज़ा लिया।
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हम एक ही बर्थ पर थे तो मेरी हरकतों से वो लड़की गर्म हो गई, मेरा साथ देने लगी। कहानी पढ़ कर देखिये कि मैंने उसे कैसे चोदा और उसने कैसे मेरी चुदाई का मज़ा लिया।
अपनी बीवी को लेने जाने के लिये ट्रेन में बैठा तो एक लड़की को अपनी सीट पर पाया। उस लड़की से क्या बात हुई, वो मेरी सीट पर क्यों थी, उसके बाद क्या हुआ, जानिए!
रेनू की चूत तो शायद तभी गीली होना शुरू हो गई थी जब वो शावर लेने जा रही थी। उसके गीले बदन पर चिपक कर फिसलने का लुफ्त एक अनोखा अनुभव था।
मैंने कहा- कुतिया साली रांड तुझे गाली खानी है? चूत का भोसड़ा बना दूंगा तेरी… तेरी माँ का भोसड़ा मादरचोद! कल से लंड ले लेती तो आज तक तो तेरी सारी आग बुझ जाती।
मैं रेनू के पैरों के नाख़ूनों की सफाई भी करता जा रहा था और इतनी करीब से चूत के दर्शन के कारण मेरे तौलिये से बाहर आने को तड़पते लंड ने भी अपनी ऊँचाइयों को छू रखा था।
रेनू ने कोई जल्दी बाज़ी नहीं दिखाई और आराम से पूरी मलाई को मुंह में गिरने दिया। मैं मुंह के अंदर छोटे छोटे धक्के लगाकर पूरी तरह संतुष्टि का मज़ा लूट रहा था।
नए घर में पहली ही रात को मैं पूरा नंगा होकर अपनी बीवी मधु के साथ फ़ोन पर सेक्स चैट कर रहा था कि जोर की एक आवाज़ आई और मैं तुरन्त देखने भागा।
मैं मुंबई शिफ्ट हो रहा था तो एक सहकर्मी की आंटी का घर किराए पर मिल गया. जिस दिन मैं घर में शिफ्ट हुआ, उसके दो दिन बाद आंटी दुबई जा रही थी.
शिखा बोली- आ जा भाई, आ जा… मैंने काफी देर से तेरी आँखों में मेरे बदन के लिए हवस देखी है… तू आजा मेरे ऊपर और नोच डाल अपनी सगी बहन के बदन को!
शर्तानुसार मैंने नीता को छूना था लेकिन छूने से आगे बढ़ कर मैंने नीता को पूरी नंगी कर दिया तो शिखा, मधु हैरान हो गई और उनकी अन्तर्वासना उनके चेहरे पर झलक आई।
राहुल- हमें भरोसा नहीं है, ब्रा खोल कर दिखाओ। नेहा गुस्से में अपना हाथ पीठ के पीछे डाला और ब्रा खोल कर बिना कोई और कपड़ा निकाले, निकाल कर हमारी ओर फेंक दी।
नीलेश बोला- कैसी लगी मेरी बहन शिखा? मैंने कहा- यार वो तो कमाल ही है। उसकी चुदाई तो बनती है, कुछ नहीं तो कम से कम उसे एक बार नंगी कर के देख, मस्त एकदम!
मैंने सोचा ‘अब रो तो रही ही है’ इधर लंड भी अपनी पूरी औकात में था, मैंने फिर से जोर का धक्का लगाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में।
नेहा की कुंवारी चूत खोलने के बाद मैं अपने कमरे में गया और दूसरी कुंआरी चूत को उसके कमरे में भेजा। कुछ देर मधु, नीता से बात करके मैं शिखा के कमरे में गया।
मैं बहुत गर्म हो चुका था इसलिए नेहा की चूत पर अपना लंड सेट किया और बोला- तुझे अंगेरजी में चुदने में मज़ा आता है पर मुझे हिंदी में गाली देना और सुनना पसंद है।
अपने बदन से कपड़े अलग करके वो मेरे सामने नंगी डांस करने लगी। उसने मेरे करीब आकर अपनी एक टांग मेरे कंधे पर रख दी जिससे मुझे उसकी चूत का नजारा साफ़ दिखने लगा।
मैंने शिखा को पूरी सब्जी का कौर खिलाया तो जानकर थोड़ा गिरा दिया जो शिखा के बूब्स पर गिरा। मैं सबके सामने उसके बूब्स के अंदर हाथ डाल के वो आलू निकाल कर खा गया
मैंने कहा- देख कुंवारी चूत तो सिर्फ हम दोनों में से एक को ही मिल सकती है। मेरे चोदने के बाद मैं उन्हें इतना खोल लूंगा कि तू भी आराम से दोनों को चोद पाएगा।
नेहा सोच रही थी कि इतने सारे लोगों के बीच आखिर उसकी चुदाई कैसे होगी। शिखा सोच रही थी कि नीलेश हो लाये ही क्यूँ। मधु को कोई आईडिया नहीं था कि हो क्या रहा है।
नेहा की चूत चाटने के बाद मैंने अपनी बीवी को फ़ोन करके छत पर बुलाया लेकिन आई मेरी बुआ की बेटी शिखा… वो तो मुझसे चुदवाने को आतुर हो रही थी। काफ़ी मुश्किल से उसे समझाया।
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