दीदी पीछे मुड़ गई. मैंने उसे छोड़ा नहीं और पीछे से उसकी गर्दन को चाटने लगा. इसी तरह उसको चूमते चाटते मैंने दीदी के कुर्ते को उसके कंधे से नीचे कर दिया. इससे उसकी पीठ नंगी हो गई.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी दीदी की है. बाथरूम नहीं होने के कारण दीदी आंगन में नहाती थी तो मुझे कभी दीदी के चूचे दिख जाते थे, तो कभी उसके नंगे चूतड़ दिख जाते थे तो मुझे शर्म भी आती थी पर अच्छा भी लगता था.
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