मेरी चालू बीवी-67
उसने अंदर आते ही सलोनी के नंगे चूतड़ों को सहलाया और बोला- क्या बात है जानेमन चुदवा लिया क्या?? अभी कहाँ जा रही है…?? रुक ना… अभी एक बार तुझको भी चोदूंगा…
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उसने अंदर आते ही सलोनी के नंगे चूतड़ों को सहलाया और बोला- क्या बात है जानेमन चुदवा लिया क्या?? अभी कहाँ जा रही है…?? रुक ना… अभी एक बार तुझको भी चोदूंगा…
वो खुद झुक गई, उसको चुदाई का अच्छा अनुभव था, ऋज़ू ने झुककर अपनी गांड को ऊपर को उठाकर अपने दोनों छेद खोल दिए कि चाहे किसी में भी डाल दो…
मैं जल्दी से उधर लपका और बाथरूम का दरवाजा खोल दिया और मुझे सलोनी मिल गई वो सामने कमोड पर बैठी थी… पूरी नंगी… उसने एकदम से मुझे देखा.. हम दोनों की नजरें आपस में मिली…
ऋज़ू- अरे वो नंगी रण्डी.. जिसने कच्छी नहीं पहनी थी, तेरे साथ थी? ..उसी के साथ तो था वो कमीना… चल छोड़ उसको, उसकी चूत से कहीं मजेदार है मेरी चूत.. चल आज मुझे अपना मूत पिला… उसको चुदने दे किसी और से…
मैं अपना एक हाथ उसके चूतड़ों से हटा उस लेडी के आगे लाया और सीधा उसकी टांगों के बीच चूत पर रख दिया.. उसकी स्लैक्स कच्छी के साथ ही उतर गई थी इसलिए चूत पूरी तरह नंगी थी…
मैंने अब सलोनी की ओर ध्यान दिया… ओह ! वो भी अब उस लड़के की बाहों में थी… वो लड़का भी सलोनी की स्कर्ट में अपना हाथ घुसाये था… उसने सलोनी के चूतड़ों के बीच अपनी उँगलियाँ डाली हुई थी…
जरा सी मस्ती करने में चूत या लण्ड घिस नहीं जाते… अच्छा तुम बताओ, अभी जब वो लड़की मेरी गोद में बैठी तो मेरा लण्ड उसकी गांड के स्पर्श से खड़ा हो गया… इसका मतलब मैं गलत हूँ या मेरे लण्ड या उसकी चूत का कुछ घिस गया…
उसने मेरे सामने ही सलोनी की चूत को अपने दोनों अंगूठों से खोलते हुए कहा- देखा साहब कितनी टाइट और पूरी लाल चूत है… और खुशबू भी ऐसी जैसी कुंवारी लड़की की चूत से आती है…
सलोनी अभी भी बिस्तर पर लेटी थी, उसकी नंगी चूचियाँ अपने साथ हुए हर जुल्म की दास्ताँ सुना रही थी… उसकी चूत पूरी तरह से खुली पड़ी थी… उसकी स्कर्ट जो वैसे ही बहुत छोटी थी और इस समय उसकी कमर के नीचे दबी थी…
अरे वो गोरी सी छमिया… जो स्कर्ट के नीचे नंगी थी… अरे बहुत कसा हुआ माल है यार… उसको तो वो साला श्याम बराबर वाले कमरे में ले गया है… चोद रहा होगा साला… क्या चिकनी और कसी हुई चूत थी उसकी यार… उंगली तक अंदर नहीं जा रही थी…
सलोनी खूब मस्ती से मेरे साथ बैठी थी… वो शायद भूल गई थी कि उसकी स्कर्ट बहुत छोटी है और उसने कच्छी तक नहीं पहनी है, जरा भी हिलने डुलने से बाकी लोगों को बहुत कुछ दिख जाने वाला था।
एक पैर सीट के ऊपर रख जब उसने जीन्स चूतड़ों से उतार दी और उसको पैरों से निकालने लगी, तभी मेरी नजर उसके नंगे साफ़ सफ्फाक चूतड़ों पर पड़ी… ओह यह क्या…?? उसने अभी भी कच्छी नहीं पहनी थी…
सलोनी बिस्तर के किनारे पीछे को लेटी थी… उसके दोनों पैर मुड़े हुए किनारे पर रखे थे और पूरे चौड़ाई में खुले थे.. एक नजर में मुझे केवल सलोनी की नंगी टाँगें और हल्की सी चूत की भी झलक मिल गई थी..
ब्लाउज इतना पतला, झीना था कि उसकी ब्रा की एक एक पट्टी और आकार साफ़ नजर आ रहा था, साड़ी उन्होंने नाभि से काफी नीचे बांधी थी इसीलिए उसकी लुभावनी नाभि, सुतवाँ पेट और कमर की गोलाई तो दिल पर छुरियाँ चला रहा थी।
अब अंकल ने ब्लाउज को अपने कंधे पर डाला और बड़े अंदाज़ से सलोनी के टॉप के बाकी बचे बटन खोलने लगे… और सलोनी ने भी बिना किसी विरोध के अपना टॉप उतरवा लिया।
मैंने साफ़ देखा कि उसकी जींस और भी नीचे खिसक गई और उसके चूतड़ लगभग नंगे देख रहे थे… अब मैंने अंकल को देखा, वो ठीक सलोनी के पीछे ही खड़े थे और उनकी नजर सलोनी के नंगे चूतड़ों की दरार पर ही थी…
मधु के चूतड़ों पर फ्रॉक के ऊपर से ही हाथ रखने पर मुझे उसकी कच्छी का एहसास हुआ… मैंने तुरंत अचानक ही उसके फ्रॉक को अपने दोनों हाथ से ऊपर कर दिया…
मैंने उसके सामने ही उसकी कच्छी का चूत वाला हिस्सा अपनी नाक पर रख सूंघा…- अरे, लगता है तुमने कच्छी में ही शूशू कर दिया..
रोज़ी मेरे केबिन में कुर्सी पर बैठी कसमसा रही थी… शादीशुदा मगर बेहद खूबसूरत लड़की… आज सुबह ही मैंने उसकी नंगी चूत और चूतड़ के दर्शन कर लिए थे और इस समय वो कुर्सी पर बैठी थी…
वैसे रोज़ी, सच… तुम अंदर से भी बहुत सुन्दर हो… तुम्हारा एक एक अंग साँचे में ढला है… बहुत खूबसूरत ! सच… रोज़ी बुरी तरह से लजा गई…
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