अपनी इस जवानी को कहाँ लेकर जाऊँ
मैं गर्ल कॉलेज में तैराकी प्रशिक्षक था, मतलब मज़ेदार फुद्दियों से घिरे रहना। संगीता जैन को चुना जो सबसे सेक्सी लड़की थी, उसे कम्पटीशन के लिए चुना और..
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मैं गर्ल कॉलेज में तैराकी प्रशिक्षक था, मतलब मज़ेदार फुद्दियों से घिरे रहना। संगीता जैन को चुना जो सबसे सेक्सी लड़की थी, उसे कम्पटीशन के लिए चुना और..
सामने वाला बुड्ढा बिल्कुल सही था… लड़की ने काली नेट वाली कच्छी ही पहनी हुई थी… कच्छी भी इतनी उसके चूतड़ों से चिपकी हुई थी कि उसके चूतड़ और चूत के सभी उभार साफ़ पता चल रहे थे।
आमिर की उम्र 24 साल की है, वो अपनी अम्मी के साथ मुंबई में एक फ़्लैट में रहता था। उसके अब्बू इराक में रहते थे
रिया की चूत अभी बिल्कुल सूखी थी, पर फिर भी मुझे पता था कि वो आसानी से मेरे लण्ड को ले लेगी, आखिर वो लंदन से आई थी और मेहता अंकल जैसे बड़े लण्ड लेने की आदी थी।
लहंगा कमर से भी ऊपर उठ जाने से उसकी कमर में फंसी छोटी सी कच्छी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। उसने एक हाथ से लहंगे को पकड़, दूसरे से अपनी कच्छी नीचे सरका दी और जल्दी से कमोड पर बैठ गई।
अंकल खुश हो गए, उन्होंने सलोनी के चूतड़ों से अपने सीधे हाथ को हटाकर आगे लाये और अपनी उँगलियों से उसकी चूत को सहलाते हुए अपना चेहरा सलोनी की जांघों के बीच रखकर उसकी चूत का एक चुम्मा ले लिया।
आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले अंकल… पहले मुझे आप ऋतु के बारे में बता रहे थे और अब मालूम पड़ रहा है कि रिया भी … अपनी दोनों लड़कियों को ही आपने चखने के बाद ही विदा किया, अगर आपके दामाद को पता चल गया तो?
अंकल ने दीदी को कपड़े पहनाने के लिए उनके सभी कपड़े उतार दिए… वैसे भी उन्होंने केवल एक नाईटी ही पहनी थी, वो अंकल के सामने ऐसे ही नंगी घूम रही थी, अंकल उनको बार बार छू रहे थे।
मुझे लग रहा था कि मुझे अपना लण्ड उसकी बुर में प्रवेश कराने के लिए बहुत ही मेहनत करनी होगी क्योंकि उसकी बुर की दोनों पुत्तियाँ आपस में बुरी तरह से चिपकी थी
सलोनी के बाद मुझे अगर किसी की चूत पसंद आई थी तो वो मधु की ही थी, बिल्कुल मक्खन की टिक्की की तरह… उसकी चूत की याद आते ही मैंने मधु को बिस्तर के किनारे पर ही पीछे को लिटा दिया।
मैं- कितना शर्माती हो यार तुम… अभी जब मैं तुम्हारी बुर चाट रहा था… तब तो खुल गई थी… पर अब फिर ऐसे ही… सच बताओ अगर उस समय मैं तुम्हारी बुर में अपना लिंग डाल देता तो क्या तुम मना करती?
भाभी… वो तो इतने हिम्मती हैं कि रात को जब मैं अंकुर के साथ सो रही थी, तब भी यहाँ आकर मेरे पास लेट गए और मेरी चूत चाटी, मेरे से अपना लण्ड चुसवाया और लेटे-लेटे ही एक बार मेरे को चोदा भी।
तू कल रात कैसे बिल्कुल नंगी उस लड़के के साथ पूरी कॉलोनी में घूम रही थी? और क्या पूरे शहर में भी ऐसे ही नंगी घूम रही थी? बता ना… क्या क्या किया उस लड़के के साथ… और अंकुर कहाँ था??
वो मेरे सीने से लगी रही, मेरा हाथ कभी उसके नंगे चूतड़ों के सम्पूर्ण भाग को सहलाता, कभी उसके चूतड़ों की दरार तो कभी उसके गुदाद्वार को कुरेदता, तो कभी मैं चूतड़ों के नीचे उसकी चूत को भी सहला देता।
मैं चूत से लेकर गांड तक सब कुछ चाट रहा था, जो रोज़ी केवल 1-2 बार में साफ़ करने की बात कर रही थी, वो अब सिसकारियों के साथ-साथ चटवाने में सहयोग भी कर रही थी, वो खुद अपनी चूत मेरे मुँह से चिपकाये जा रही थी।
मैं दस मिनट तक उसके होंठों को चूसता रहा, मैं लगातार उसके पेट को सहलाते हुए अपना हाथ साड़ी के ऊपर से ही उसके बेशकीमती खजाने, रोज़ी की चूत के ऊपर ले गया और साड़ी के ऊपर से उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया।
अपने चूतड़ों पर मेरा हाथ महसूस करके ही उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था और जब मैंने कच्छी के बारे में बात की तब तो उसका चेहरे के साथ-साथ उसका पूरा बदन ही सिमट रहा था।
अब उसके चेहरे पर एक कातिल सी मुस्कान आ गई थी… वो कल की तरह ही खुलने लगी थी… कभी लगता था कि उसको पटाने में समय लगेगा और कभी यह लगता था कि वो तैयार है… बस साड़ी उठाओ और डाल दो लण्ड।
इरफ़ान मैंने उसका हाथ अपने लंड पर और भींच दिया। उसने कहा- मामू, भाई का तो बहुत छोटा है? मैंने उसके हाथ से अपने लंड
इमरान यह कहानी भी मेरे एक दोस्त शकील की है, उसके कहने पर ही मैंने लिख कर भेजी है। उसी के शब्दों में पेश है आज
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