मेरी चालू बीवी-112
रानी की चूत को सहलाते और एक उंगली से उसकी चूत के अंदर तक करते हुए मैंने दूसरे कमरे में देखा, मामाजी भी सलोनी से कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे, वो उससे पूरी तरह सट गए थे।
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रानी की चूत को सहलाते और एक उंगली से उसकी चूत के अंदर तक करते हुए मैंने दूसरे कमरे में देखा, मामाजी भी सलोनी से कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे, वो उससे पूरी तरह सट गए थे।
सलोनी ने अपने थूक से मेरे लण्ड को पूरा भिगो दिया था, उसके चूसने से ऐसे आवाजें आ रही थी कि कोई अगर कमरे के बाहर से भी सुन रहा होगा तो उसको एकदम पता चल जाता कि लण्ड चुसाई चल रही है।
मेरे हाथ में सलोनी की चूची थी जिसको मैं मसल रहा था, सलोनी के हाथ में मेरा लण्ड था जिसे वो हिला रही थी और उसके पीछे मामाजी का हाथ सलोनी के चूतड़ों पर था जिनको वो ना जाने कैसे कैसे मसल रहे थे।
थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद सुषमा बोली- यार मनोज, तुमने इस तरह का प्रोग्राम बना कर कई बीवियों के मन की इच्छा पूरी कर
सलोनी की चप्पल कुछ बिस्तर के नीचे को हो गई थी और फिर सलोनी ने बिना किसी से कुछ कहे नीचे झुककर चप्पल निकाली तो एक बार फिर उसके चूतड़ का ओर भी खुला रूप सबके सामने था।
रविवार का दिन था, मैं सवेरे सवेरे अपने ड्राइंग रूम में बैठा हुआ नाश्ता कर रहा था, अचानक मेरा दोस्त मयंक आ गया। मयंक मेरा
अभी कुछ देर पहले ही मेहता अंकल से चुदकर आई मेरी बीवी पूरे मूड में ही… अभी कुछ देर पहले ही नलिनी भाभी की चूत और गाण्ड से निकले मेरे लण्ड से खेल रही थी।
मेरी सुहागरात की चुदाई: लण्ड खुल गये हनीमून में, सबने चोदा हनीमून में मुँह में लौड़ा, बुर में लौड़ा, गाण्ड में लौड़ा हनीमून में !
अंकल तो रिया के साथ थे, दोनों पूरे नंगे थे, शायद रिया की कमर पर कच्छी थी, वो घुटनों के बल झुकी हुई अंकल के लण्ड से खेल रही थी। कभी हाथ से पकड़कर हिलाती तो कभी अपने होंठों से रगड़ती !
जॉन अंकल घूर कर वहीं देख रहे थे। हो सकता है कि उनको सलोनी की चूतड़ों से झांकती चूत भी दिख गई हो क्योंकि वापस आते हुए उनका नेकर उनके लण्ड के उभार को अच्छी तरह दिखा रहा था और उनका चेहरा भी पूरा लाल था।
शबनम के मुँह से उसके भाई द्वारा अपनी ख्याली चुदाई की बातें सुन कर नाज़िमा का मुँह खुला का खुला रह गया, वो शर्म से लाल पड़ गई और शबनम के मुँह पर हथेली रखके बोली- शबनम प्लीज़…
जीनत अपनी चूत पे हाथ फिराते हुए- आओ भाई आओ, अपनी नाज़िमा को सहलाओ, इसके होंठ चूस लो, देखो इसके मुँह में पानी आ गया मेरे भाईजान, इसकी चीखें निकाल दो, आओ मेरे कामुक भाईजान
दूधवाले ने अपना हाथ सलोनी के पीछे उसके चूतड़ों पर रख दिया, मैंने साफ़ साफ़ देखा कि उसने सलोनी के सिमटे हुए गाउन को और ऊपर तक कर दिया और सलोनी के चिकने चिकने नंगे चूतड़ों पर अपनी मोटी सी भद्दी हथेली को चारों ओर घुमाया।
मेरी बातों में डर्टी पुट आ रहा था और मैं भी सेक्स के मादक नशे में डूब चुकी थी, मैं उठी और अपने भाई के कमरे में गई, वहाँ से लौटी तो उसके हाथ में उसके भाई का अंडरवीयर था।
प्रेषिका : सानिया सुलतान सम्पादक : इमरान मेरा नाम सानिया सुलतान है, मैं दिखने में बेहद खूबसूरत और सैक्सी हूँ, मेरा रंग गोरा, बदन भरा
सलोनी ने मनोज के सामने ही अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर पेटीकोट को नीचे करके बाँधा, इस दौरान उसने पेटीकोट को ऐसे घुमाकर ठीक किया कि उसके पेटीकोट का कट आगे से सलोनी की चूत के दर्शन तक करा गया।
दोनों ने एक को कलाबाजी भी खाई… कभी सलोनी ऊपर तो कभी नलिनी भाभी… इससे सलोनी का लहंगा काफी ऊपर चढ़ गया… दूर से भी उसकी टाँगे ऊपर तक नंगी नजर आने लगी, वहाँ बैठी एक औरत ने तो उठकर सलोनी के चूतड़ों पर एक चपत भी लगाई।
मेहता अंकल ने तीनों से ही उसको मिलवाया, सलोनी उनकी बगल में ही खड़ी थी, मैंने देखा कि मेहता अंकल ने अपना हाथ उसकी कमर पर रखा जो फिसल कर उसके चूतड़ों तक पहुँच गया।
उसने तेज आह भरी- आःह्हाआआ हाय यार… काश मैं वहाँ होता… क्या चिकनी जांघें हैं। सलोनी बराबर में बैठी नलिनी भाभी से झुककर कुछ बात कर रही थी तो उनके चूतड़ एक ओर से बाहर को निकले हुए थे।
सम्पादक : इमरान मेरा नाम आफताब है, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। मैं 30 साल का नौ जवान हूँ, मेरी शादी हो चुकी है और
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