देसी गर्ल ज़ीनत की जवानी
थोड़ी देर बाद जेनी सो गई और मेरी अन्तर्वासना जाग गई। अजीब सा नशा या पागलपन सवार था। मुझे तो बस दिख रहा था तो जेनी का गदराया हुआ बदन और उसकी चूत की छवि जो एक बार देखी थी।
थोड़ी देर बाद जेनी सो गई और मेरी अन्तर्वासना जाग गई। अजीब सा नशा या पागलपन सवार था। मुझे तो बस दिख रहा था तो जेनी का गदराया हुआ बदन और उसकी चूत की छवि जो एक बार देखी थी।
लेखिका : कामिनी सक्सेना “अच्छा, अब तुम जाओ …” मेरा मन तो नहीं कर रहा था कि वो जाये, पर शराफ़त का जामा पहनना एक
लेखिका : कामिनी सक्सेना मैं दिन भर घर में अकेली होती हूँ। बस घर का काम करती रहती हूँ, मेरा दिल तो यूँ तो पाक-साफ़
प्रेषक : ? एक बार काम के सिलसिले में मुझे दिल्ली में दो महीने रुकना था। मैं अपने एक दोस्त के रिश्तेदार मिस्टर यादवेन्द्र सिंह
मजा आ गया था तुम्हारी चिकनी टाँगें सहला कर! वो तो बीच में तुम्हारी सहेली आ गई, नहीं तो तुम्हारी स्कर्ट उठा कर तुम्हारी जांघें चूम लेता और वो… वो… तुम्हारी च… चू…
प्रेषक : गोरिया कुमार अब धीरे धीरे मैं भाभी को अपनी गिरफ्त में लेने लगा। सयाली ने मेरे लिंग को चूमकर एकदम खड़ा कड़क और
प्रेषक : गोरिया कुमार मेरे तायाजी के लड़के यानि सुमित भैया कनाडा में दो साल के ट्रेनिंग के लिए गए तो विशाखा भाभी हमारे यहाँ
लेखिका : लक्ष्मी कंवर मैं तीस वर्षीया शादीशुदा स्त्री हूँ। शादी को काफ़ी अर्सा हो गया है। अब मेरे पति मेरी चुदाई में कम दिलचस्पी
प्रेषक : ?? तुम श्लील कहो, अश्लील कहो चाहो तो खुलकर गाली दो ! तुम भले मुझे कवि मत मानो मत वाह-वाह की ताली दो
आप सबको मेरी कहानी प्यारी मोना-1, प्यारी मोना-2 पसंद आई, इसके लिए धन्यवाद ! उसी कहानी को आगे बढ़ाते हुए आगे का किस्सा सुनाता हूँ
प्रेषिका : कामिनी सक्सेना सोना कई वर्षों से घर में नौकरानी का काम करती थी। नीरजा और करण पति पत्नी थे और उनकी कोई सन्तान
प्यारी मोना-1 मैंने उसे कहा- आँखें बंद कर लो! उसने कर ली! मैंने उसके गालों को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए!
मैं हूँ विक्की! हरियाणवी हूँ, पर उड़ीसा में पला-बड़ा हुआ और मुंबई में जॉब करता था… आज मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ। उम्र 24
प्रेषिका : रजनी शर्मा प्रियंका और उसकी मां, बस ये दो ही थे उस परिवार में। प्रियंका 19 वर्ष की होगी और उसकी मां प्रीति
लेखिका : नेहा वर्मा “ओह ! मरना ही है तो यहाँ नहीं, अन्दर बिस्तर पर चलो !” अब मुझे पता था कि मेरी लाईन साफ़
लेखिका : नेहा वर्मा मैं गर्मी की छुट्टियों में रतलाम आ गई थी अपने पापा के पास। घर में छुट्टियों में बहुत पाबन्दी रहती थी
लेखिका : शमीम बानो कुरेशी इन दिनों मेरे मौसा जी आये हुये थे और मेरा छत वाला कमरा उन्हें दे दिया था। फ़ुर्सत का समय
प्रेषक : लव पूरा गुजरात नवरात्र की तैयारी में जुट गया था! गुजरात ही क्यों, पूरा देश नवरात्र के स्वागत के लिए तैयार हो रहा
लेखिका : नेहा वर्मा “क्या ? गंगा तो एक दम बढ़िया है … कस कर चोदता है, गाण्ड भी बजा देता है और क्या?” मैंने
लेखिका : नेहा वर्मा मेरा नाम लहरी बाई है, उम्र अभी 29 वर्ष, जिस्म मांसल और गदराया हुआ है। मेरा जिस्म थोड़ा भारी है पर
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