मेरे कहानी पढ़ने के बाद एक लड़की रोज़ी का ईमेल आया, धीरे-धीरे वो सेक्स चैट करने लगी। एक हफ़्ते बाद ही उसने अपनी चूत की आग बुझवाने मुझे दिल्ली बुला लिया।
धीरे-धीरे वो मेरा साथ देने लगी और इस बार मैंने एक झटके से उसकी पैन्टी को निकाल फेंका.. आह्ह.. और मैंने क्या देखा.. एकदम चिकनी चूत… मेरी आँखों के सामने थी.. मानो एक अनखिली कली खिलने को तैयार हो।
मुझे लगा वो मुझे लाइन दे रही है.. तो मैं कैसे पीछे रह सकता हूँ। जब वो नहाने लगी.. तो मैं उसे देखने लगा। उसने भी चोरी-छुपे मुझे देख लिया और वो मुझे अपने चूचे दिखाते हुए उनको बार-बार रगड़ने लगी।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।