शायरी में चुदाई 01-04-2005 प्रेषक : दीवाना “अजनबी” बहुत अँधेरा है कमरे में रौशनी कर दो , उतार दो यह पैराहन, चांदनी कर दो . चली भी आओ मैं पूरी कहानी पढ़ें »