मेरा गांडूपन और मेरी बीवी की वासना
मैं बहुत बड़ा गांडू हूँ. पर घर वालों ने मेरी शादी कर दी. मैं अपनी दुल्हन को खुश नहीं कर पाया और एक दिन उसे पता चल गया कि मैंने गांडू हूँ. तो उसने क्या किया?
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मैं बहुत बड़ा गांडू हूँ. पर घर वालों ने मेरी शादी कर दी. मैं अपनी दुल्हन को खुश नहीं कर पाया और एक दिन उसे पता चल गया कि मैंने गांडू हूँ. तो उसने क्या किया?
उसने अपनी सुडौल जाँघों की ताकत से मुझे फाड़ डाला था और फिर उसने मुझे औरत की तरह नीचे डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चोदा और सारा माल मेरी गाण्ड में निकाल कर सांसें भरने लगा।
उसने अपना हाथ अंडरवियर में घुसा लिया और लौड़े में साबुन लगाने लगाने के बहाने से उसने अंडरवियर खिसका दिया। उसका काला लटकता हुआ लुल्ला देख कर मेरी गाण्ड में पसीना आने लगा था।
वह आँखें मूँद कर लौड़ा चुसवा रहा था, मुँह में लेना काफी मुश्किल हो गया था, मैंने शर्ट उतार दी। वह बोला- तुझे लड़की होना चाहिए था।
मैं चाहता था कि चाय वाला मेरा यौन शोषण कर डाले, मुझे ज़बरदस्ती नंगा करे, मेरा नाज़ुक जिस्म उसके सामने कुछ न कर सके !
मैं अपनी गाण्ड को हिलाते हुए गया, जाकर बैड के नीचे बैठ गया और हिलते हुए लण्ड का चुम्मा लिया। वह तो बावला और मस्त होकर देखने लगा कि कोई उसका लण्ड भी चूसेगा।
वह खोखे से उठा और साइड पर जाकर स्ट्रीट लाइट के नीचे मेरी तरफ मुँह करके मूतने लगा। उसका लण्ड पूरा तन चुका था और मेरी गांड अब गीली होने लग गई थी
मैंने पैन्ट खोल कर टेबल से सामान हटाया कुहनियाँ टिका कर घोड़ी बन गया। उसने गीला करके लुल्ला घुसा दिया और दस मिनट मुझे फुल चोदा।
आज तो लंड मेरे खुद के बिस्तर पर था, वो भी मुझे सोता हुआ समझ कर मुझ पर हाथ फेर चुका था। अगले दिन वो मुझे शरारत वाली नजर से देख रहा था।
मुझे लगा भी कि अब वो सारा डर छोड़ कर मुझे बाँहों में भर लेगा और मेरे नंगे जिस्म की तारीफ करते ही मुझ पर सवार हो जाएगा, लेकिन वो झिझक रहा था।
बदन पर सिर्फ नाम की एक फ्रेंची थी, वो भी काले रंग की जिसमें मेरा गोरा जिस्म और आकर्षक दिख रहा था, चूतड़ों पर भी फ्रेंची आधी चिपकी थी और बाक़ी गांड के चीर में फँसी थी।
मैं सोचता हूँ कि अगर मैं लड़की होती, तो चालू बनती, कई आशिक बनाती, स्कूल कॉलेज में बदनाम होती और जब औरत बनती, तो गैर मर्दों से चुदवाती मतलब फुल करेक्टर-लैस होती।
लेखक : सनी गांडू मेरी गाड़ी एक बार फिर से पटरी पर आ चुकी है, अपनी कड़ी मेहनत से मैंने कुछ नये बॉय-फ्रेंड बनाये हैं।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, आपने मेरी करवाई गई सभी चुदाइयाँ पसन्द की, कई इमेल्स आ रही हैं, काफी फ्रेंड रिक्वेस्ट याहू पर भी मिलीं,
मैंने पैंट उतारी, लड़कियों वाली जालीदार पैंटी देख उसका बुरा हाल हो गया, उसकी तरफ चूतड़ करके धीरे से पेंटी खिसकते हुए गांड को मटकाने लगा, चूतड़ खोल के अपना छेद दिखाया।
प्रणाम मेरे आशिक़ो, नये साल की शुरुआत पर मुझे मोटे लंड मिल गए। इतनी ठण्ड में दिल चुदने को बहुत मचलता है। ठंडी-ठंडी गांड में
प्रणाम मेरे लवर्स को, मेरे आशिकों को, मेरे पाठकों को ! इतना रिस्पांस क्या बताऊँ, मुझे समझ ही नहीं आती किससे चुदवाऊँ, कैसे चुदवाऊँ, कब
प्रणाम दोस्तो, एक बार फिर से आपका गांडू सनी आपके लिए अपनी चुदाई लेकर हाज़िर है। मुझे बहुत ज़रूरी काम के लिए आगरा जाना पड़ा,
प्रणाम पाठको, मेरे आशिको, लो आप की तम्मना दिल खोल कर पूरी कर रहा हूँ, सब शिकायत दूर कर दे रहा हूँ, बस आप सब
पाठकों को मेरा प्रणाम जो इनको पढ़कर मुझे अथाह प्यार देते हैं, अपनी ईमेल के ज़रिये, कुछ याहू मेसेंजेर के ज़रिये और फिर इनमें से
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